MP News: रतलाम में महिलाओं की बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता से शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस, भाजपा और समाजवादी पार्टी के बाद अब इस मामले में विश्व हिंदू परिषद की भी एंट्री हो गई है. विश्व हिंदू परिषद ने बजरंगबली की मूर्ति के सामने महिलाओं के प्रदर्शन को लेकर चुप्पी तोड़ी है. विहिप ने विरोध जताते हुए इसे हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला और निंदनीय बताया है.
आज विश्व हिंदू परिषद ने बजरंगबली की मूर्ति के सामने महिलाओं के सौष्ठव प्रदर्शन अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि खिलाड़ियों द्वारा भगवान हनुमान जी की प्रतिमा के सामने जिस तरह से कॉस्ट्यूम पहनकर शरीर का प्रदर्शन किया गया वह हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुचाने वाला और निंदनीय है. विश्व हिंदू परिषद के मालवा प्रांत मंत्री सोहनलाल विश्वकर्मा ने इस मामले पर अपना बयान देते हुए कहा कि विश्व हिंदू परिषद इसका विरोध करता है और इसकी निंदा करता है.
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मातृशक्ति को वंदनीय बताते हुए की प्रदर्शन की निंदा
वीडियो बयान जारी करते हुए विहिप नेता सोहनलाल ने कहा कि 5 मार्च को बॉडीबिल्डिंग फेडरेशन द्वारा शरीर सौष्ठव की प्रतियोगिता रखी गई थी. इस प्रतियोगिता के मंच पर भगवान हनुमान जी विराजे थे. वहां महिलाओं द्वारा अपने शरीर का जो प्रदर्शन किया गया, वह सीधे सीधे हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है. हनुमान जी महाराज अपने आप में ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने वाले हैं और यह प्रदर्शन सीधा-सीधा हिंदू भावनाओं को और आस्था को ठेस पहुंचाने वाला है. उन्होंने कहा कि आयोजकों से विश्व हिंदू परिषद यह कहना चाहता है कि इस प्रकार के आयोजनों को विश्व हिंदू परिषद स्वीकार नहीं करता है, जिससे आस्था को ठेस पहुंचती हो. खेल का हम सम्मान करते हैं, समस्त मातृशक्ति वंदनीय है, लेकिन प्रतियोगिता और प्रदर्शन हिंदू भावनाओं के विपरीत की गई है ऐसा प्रतीत होता है.
ऐसे शुरू हुआ विवाद
आपको बता दें कि रतलाम में हुई बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता में स्टेज पर रखी भगवान बजरंगबली की मूर्ति के सामने महिला बॉडी बिल्डरों ने प्रदर्शन किया था, जिस पर से कांग्रेस पार्टी के नेता समेत कई लोग भड़क उठे. आयोजन भाजपा विधायक सभागार में हुआ था. कांग्रेस ने इसका विरोध किया और भाजपा से माफी की मांग की. कांग्रेस नेताओं ने विरोध जताते हुए हनुमान चालीसा का पाठ किया था. इसमें भाजपा नेता हिम्मत कोठारी भी शामिल हुए थे. सपा नेता और उत्तर प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे लेकर ट्वीट करते हुए कहा था कि भाजपाई धार्मिक मूर्तियों का अपमान न करें.