फोटो; आकाश चौहान
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले में शिवना नदी के तट पर भगवान पशुपतिनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है.
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इस मंदिर में अष्टमुखी शिवलिंग की पूजा होती है. भगवान शिव के 8 मुख, जीवन की 4 अवस्थाओं का वर्णन करते हैं.
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पूर्व का मुख बाल्यवस्था का, दक्षिण का मुख किशोरावस्था का, पश्चिम का मुख युवावस्था और उत्तर का मुख प्रौढ़ा अवस्था के रूप में दिखाई देता है.
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यहां ऐसी मान्यता है कि अष्टमुखी पशुपतिनाथ के दर्शन से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.
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21 साल तक भगवान पशुपतिनाथ की प्रतिमा नदी के तट पर ही रखी रही.
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बताया जाता है कि शिवलिंग को सबसे पहले कालूजी धोबी के पुत्र उदाजी ने शिवना नदी में देखा था. लोगों का कहना है कि उदाजी धोबी इसी मूर्ति पर कपड़े धोते थे.
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उन्हें सपना आया कि जिस पत्थर पर वह कपड़े धोते हैं वह स्वयं भगवान पशुपतिनाथ है.
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इतिहासकारों की माने तो इस शिवलिंग का निर्माण विक्रम संवत 575 ई. के आसपास सम्राट यशोधर्मन के काल में हुआ होगा.
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जिसे संभवत: मूर्तिभंजकों से बचाने के लिए इसे शिवना नदी में बहा दिया गया होगा. कलाकार ने प्रतिमा के ऊपर के चार मुख पूरी तरह बना दिए थे,
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जबकि नीचे के चार मुख निर्माणाधीन थे. मंदसौर के पशुपतिनाथ की तुलना काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ से की जाती है.
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सावन में MP के इन शिव मंदिरों के दर्शन जरूर करें, अद्भुत-अलौकिक है इनकी महिमा
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