फोटो: एमपी तक 

आगर मालवा में एक बेहद प्राचीन शिव मंदिर है. लेकिन इससे कई रहस्य जुड़े हुए हैं.

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टेकरी पर स्थित इस मंदिर को शंकर टेकरी कहा जाता है. खास बात ये है कि मंदिर में कोई रात नहीं रुकता.

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आगर मालवा से एक किलोमीटर दूर टेकरी पर स्थित शिव मंदिर, जिसे शंकर टेकरी के नाम से जाना जाता है.

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नगर और आसपास से यहां भक्तों का आना- जाना लगा रहता है. लेकिन रात रुकने से हर कोई घबराता है.

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लोगों का मानना है कि सैकड़ों सालों पहले इस पूरे क्षेत्र में डाकनों और भूत-प्रेत का निवास था.

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वर्षों पहले यहां एक तपस्वी आये और उन्होंने अपनी शक्तियों से इस टेकरी से डाकनों और प्रेत आत्माओं से मुक्त कराया.

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कुछ समय बाद उन्हीं तपस्वी ने टेकरी पर शिवलिंग की स्थापना की. बाद में शहर के किसी भक्त ने यहां जीर्णोद्धार कर मंदिर का निर्माण करवाया.

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 पुजारी जब शाम को मंदिर की आरती के बाद घर जा रहे थे, तब टेकरी पर एक बच्चा उन्हें रोता हुआ दिखाई दिया.

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पुजारी ने बच्चे को गोद में उठा लिया और नगर की तरफ चले गए. तभी पुजारी की नजर पड़ी की बच्चे के पैर अचानक बढ़ने लगे.

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पुजारी तुरंत समझ गये और बच्चे को फेंक दिया. जैसे ही बच्चे को फेंका, बच्चे ने भैंसे का रूप धारण कर लिया.

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 इसी पुरानी किवदंती के चलते आज भी इस मंदिर में रात में जाने में लोगों की रूह कांपती है.

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