फोटो: एमपी टूरिज्म
अयोध्या के श्रीराम कैसे बने ओरछा के राजा, भावुक कर देगी ये कहानी
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राजा राम की नगरी ओरछा को बुंदेलखंड का अयोध्या भी कहा जाता है. इसका इतिहास काफी दिलचस्प है.
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कहते हैं ओरछा की राजपूतानी रानी कुंवरि गणेश भगवान राम की बहुत बड़ी भक्त थी.
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राजा मधुकरशाह ने रानी को राम को अयोध्या से ओरछा लाने की चुनौती दे दी.
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रानी कुंवरि गणेश ने अपने आराध्य भगवान राम को ओरछा लाने का प्रण ले लिया और निकल पड़ी.
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रानी ने भगवान राम की कठोर तपस्या की, जब दर्शन नहीं मिले तो सरयू में जल समाधि लेने लगी.
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तभी सरयू में भगवान राम की मूर्ति रानी की गोद में आ गई, जिसे वह पैदल ओरछा लेकर आई.
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किंवदंती के अनुसार भगवान राम प्रसन्न होकर प्रकट हुए और ओरछा चलने के लिए रानी से 3 वचन लिए.
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भगवान राम की शर्त थी कि वे एक ही जगह स्थापित होंगे और उनके अलावा ओरछा में दूसरा राजा नहीं होगा..
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रानी ने भगवान की मूर्ति ले जाकर महल की रसोई में रख दी, इसके बाद भगवान वहीं स्थापित हो गए.
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राम को ओरछा का राजा कहा जाता है. उन्हें आरती में सशस्त्र सलामी गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है.
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जन्नत से कम खूबसूरत नहीं है MP का ये गांव, डल झील से होती है तुलना
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