बांधवगढ़ नेशनल पार्क में में चल रहे भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण (ASI) के ताजे रिसर्च के दौरान दो बौद्ध स्तूप मिले हैं.
फोटो: एमपी तक
15 और 18 फीट ऊंचे ये स्तूप बौद्ध धर्म से संबंधित हैं, जो इस इलाके में बौद्ध धर्म के प्रभाव को बताते हैं.
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साल 2022 में रिसर्च के पहले चरण में भी ASI को 26 प्राचीन मंदिर, 26 गुफाएं, 2 मठ, 2 स्तूप, 46 प्रतिमाएं, 24 अभिलेख, 20 बिखरे हुए अवशेष और 19 जल संरचनाएं मिली थीं.
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एक अप्रैल 2023 से शुरू हुए रिसर्च के दूसरे चरण में भी ASI को जो प्रमाण मिले हैं वह बांधवगढ़ के इतिहास में नए आयाम जोड़ने वाले प्रतीत हो रहे हैं.
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दूसरे चरण में चल रही रिसर्च में ऐसी गुफाएं मिली हैं, जिनसे ये प्रमाणित होता है करीब 2000 साल पहले लोग इन गुफाओं में सभ्य तरीके से रहते थे.
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पास ही मिली जल संरचनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि उस समय के लोग जल संरक्षण को लेकर भी जागरूक हो गए थे.
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बांधवगढ़ के जिस इलाके में यह रिसर्च कार्य चल रहा है वहां आम जन के जाने की अनुमति नहीं हैं.
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यह इलाका बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की सीमा के अंदर आता है, सरकार के नियंत्रण में आने के पूर्व लंबे समय तक बांधवगढ़ का किला रीवा के बघेल राजाओं के अधीन रहा है.
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किले परिसर के अंदर ही पत्थरों को काट कर बनाई गयीं विष्णु के अवतारों की प्रतिमाएं हैं.
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वहीं चरणगंगा नदी के उद्गम स्थल पर चट्टान को काट कर बनाई गई लेटे हुए विष्णु भगवान की प्रतिमा अनूठी है.
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