फोटो: एमपी तक
कूनो नेशनल पार्क में शुरू हुआ चीतों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है.
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कूनो के खुले जंगल मे छोड़ी गई मादा चीता धात्री (तिबलिसी) की मौत हो गई है.
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कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से 8 और साउथ अफ्रीका से 12...यानी कुल 20 चीते लाकर बसाये गए थे.
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जिनमें से 6 वयस्क चीते और 3 शावकों को मिलाकर 9 चीतों की मौत हो चुकी है.
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कूनो में चीतों की मौत को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया.
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अब तक 24 में से 9 चीतों की मौत हो चुकी है, लेकिन सरकार का कहना है कि ये चिंता की बात नहीं है.
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एफिडेविट में बताया गया है कि चीतों, खासकर एडल्ट चीतों में 50 प्रतिशत चीतों का सर्वाइवल रेट काफी कम होता है.
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कोर्ट में पेश हलफनामे में कहा गया है कि चीतों की मौत की वजह प्राकृतिक है. अप्राकृतिक वजहों से मौत नहीं हुई है.
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कोर्ट को जानकारी दी गई है कि कूनो में रहने वाले चीतों का ध्यान रखा जा रहा है, उनका मेडिकल परीक्षण भी कराया जा रहा है.
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वाइल्डलाइफ, वन सोशल साइंस, इकोलॉजी, पशु विज्ञानिक और अन्य विभागों की एक स्टेयरिंग कमेटी प्रोजेक्ट चीता पर काम कर रही है.
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देश में चीतों के आंकड़े जारी, MP का टाइगर स्टेट का दर्जा रहेगा बरकरार?
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