20May2024
फोटो-MPTAK
अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र के दुर्लभ 'नूरजहां' आम के गिने-चुने पेड़ बचे हैं.
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इससे चिंतित अधिकारी अब आम की इस खास प्रजाति को आने वाली पीढ़ियों के वास्ते बचाने में जुटे हुए हैं.
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अफगान मूल की मानी जाने वाली नूरजहां आम की किस्म अपने बड़े आकार के लिए जानी जाती है.
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जिसका वजन 3.5 किलोग्राम से 4.5 किलोग्राम के बीच होता है. साथ ही बाजार में कीमत 1000 रुपये से लेकर 1200 रुपये प्रति किलो तक होती है.
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लेकिन इन खास आमों के पेड़ो की घटती हुई संख्या को देखते हुए सरकार चिंतित है. नूरजहां आम के केवल 10 फल देने वाले पेड़ बचे हैं.
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अधिकारियों ने दावा किया कि अगले पांच वर्षों में पौधारोपण कर इनकी संख्या 200 तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं.
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पेड़ों की संख्या के साथ ही आमों की पैदावार भी कम हो रही है पहले जो आम 4 किलो का हुआ करता था अब वो आम 3 किलो तक का ही हो रहा है.
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नूरजहां किस्म के पेड़ जनवरी में बौर आने शुरू हो जाते हैं और आम जून में पकने के बाद आम बाजार में बिक्री के लिए आते हैं.
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