फोटो: एमपी तक

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित भीम कुण्ड एक ऐसा रहस्य है, जो आज भी वैज्ञानिकों के लिए कौतूहल का केन्द्र है. 

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मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बकस्वाहा विकासखंड के बाजना गांव के करीब एक गुफा में भीम कुण्ड स्थित है.

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चारों तरफ से घनें जंगलों से घिरा भीमकुण्ड जितना खूबसूरत है उतना ही रहस्यमयी भी है.

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भीम कुण्ड जिस गुफा के अन्दर स्थित है, उसके ऊपर मौजूद गोलाकार कटाव को मिलता है. लोगों की माने तो ये कुंण्ड महाभारत कालीन है.

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कहा जाता है कि पाण्डव जब अज्ञातवास के दौरान इस वन क्षेत्र से गुजर रहे थे तो द्रौपदी को प्यास लगी. आस पास कोई जल स्रोत नहीं दिखा.

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द्रोपदी की प्यास बुझाने के भीम ने इस जगह पर अपनी गदा से प्रहार किया था, इसके बाद वहां पानी की धार बह निकली जिससे द्रौपदी की प्यास बुझ सकी.

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भीम कुण्ड का जल गहरा नीले रंग का है, इसमें पानी कहां से आता है और कहां जाता है, ये आज भी वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बना हुआ है.

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देश में कोई भी प्राकतिक आपदा के पहले यहां 10 फीट ऊंची लहरें उठने लगती हैं. केदारनाथ त्रासदी के समय भी ये घटना यहां देखी गई थी.

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ऐसा माना है कि आम तौर पर पानी में डूबने से लोगों की मौत पर शव बाहर आ जाता है. लेकिन यहां शव बाहर नहीं आता है. न ही उसका पता लग पाता है.

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इतना ही नहीं भीमकुंड की गहराई कितनी है, इसे नापने में भी आज तक वैज्ञानिक सफल नहीं हो पाए हैं. 

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