फोटो:  एमपी तक 

नए संसद भवन का निर्माण विदिशा में मौजूद एक मंदिर की तर्ज पर किया गया है. 

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नए संसद भवन की डिजाइन विदिशा के विजय मंदिर से मेल खाती है.

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विजय मंदिर सूर्य मंदिर है, जिसकी गिनती विशालतम मंदिरों में की जाती थी.

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विजय मंदिर का नाम भेल्लिस्वामिन था, जिसके नाम पर शहर का नाम भेलसा पड़ा था. 

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विजय मंदिर का त्रिकोण आकार और बनावट नए संसद भवन की तरह दिखाई देते हैं. 

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चालुक्य राजाओं ने विदिशा में सूर्य देव के इस मंदिर का निर्माण करवाया था. 

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10वीं से लेकर 12वीं शताब्दी में परमार राजाओं ने इस मंदिर का  पुनः निर्माण करवाया था.

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मंदिर की प्रसिद्धि की वजह से मुगल शासक औरंगजेब की बुरी नजर इस मंदिर पर पड़ी.

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इसके बाद मराठा शासकों ने विदिशा के विजय मंदिर का पुनः निर्माण कराया था. 

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इस प्राचीन मंदिर के ऊपर कई बार हमले किए गए, लेकिन कई बार इसका पुर्ननिर्माण भी कराया गया .

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पुराने संसद भवन का डिजाइन भी मध्य प्रदेश के मुरैना स्थित मंदिर से लिया गया था. 

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पुराने संसद भवन की बनावट मुरैना के चौसठ योगिनी मंदिर की तर्ज पर आधारित है. 

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700 साल पुराना एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर, जिससे बना संसद का डिजाइन 

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