फोटो: उमेश रेवलिया
खरगोन के कसरावद नगर में होली के पर्व पर गाड़ा खींचने की परंपरा है.
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आश्चर्य तो तब होता है, जब बड़वे के हाथ लगाते ही भारी भरकम गाड़ा चलने लगता है.
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सात बैलगाड़ियों को बांधकर एक गाड़ा बनाया जाता है. ये वर्षों पुरानी परंपरा है.
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आदिवासियों की अनूठी परंपरा में गहरी आस्था है, इसके दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं.
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सैकड़ो महिलाएं हल्दी के छापे लगाकर सात बैलगाड़ियों से बने गाड़े का पूजन करती हैं.
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लोग बड़वे श्रीराम यादव को अपने कांधे पर बैठाकर खंडेराव जी के मंदिर में लाते हैं.
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बड़वे द्वारा लकड़ी से बनी कड़ी को घुमाया जाता है और गाड़ा चलने लगता है.
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प्राचीन भवानी माता मंदिर प्रांगण में हर साल गाड़े खिंचाई का आयोजन होता है.
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वहां मौजूद श्रद्धालु जोरों से खांडेराव महाराज के जयकारे लगाते हैं.
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