MP News: मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में RSS सरसंघचालक मोहन भागवत बुरहानपुर जिले के दो दिवसीय दौरे पर आए थे. जहां उन्होंने ब्रह्मपुर में नवनिर्मित जिला कार्यालय का उद्घाटन भी किया. यहां पर मोहन भागवत ने कहा- ‘सब देशों में एक जैसा होता है. देश को बड़ा करने वाला व्यक्ति समाज का होता है, समाज में पला हुआ, बढ़ा हुआ. संघ को देश को बड़ा बनाने का ठेका देंगे तो संघ अब कर नहीं सकेगा. पूरे समाज को संगठित होकर, एक साथ भेद भाव भूलकर एक होना होगा. देश का 130 करोड़ लोगों का समाज एक साथ संगठित हो तो देश बड़ा बनेगा, समाज हमारा भगवान है.’
उन्होंने कहा- हमको पूरे समाज का संगठित करना है, समाज में अपना अलग संगठन खड़ा नहीं करना. संघ, सम्पूर्ण समाज को अपना मानता है. एक दिन संघ बढ़ते-बढ़ते समाजरूप हो जाएगा तो संघ नाम भी हट जाएगा, हिंदू समाज ही संघ बन जाएगा. इसलिए यह कार्यालय हिंदू समाज का केंद्र है. यह समाज के सहयोग से खड़ा हुआ है और समाज को ही समर्पित है.
सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने कार्यालय के विषय में आगे बताते हुए कहा कि कार्यालय से अपने संघ कार्य में अधिक सुविधा तथा यहां कोई नया व्यक्ति भी आया तो संघकार्य की सभी विशेषताओं का अनुभव उसे इस भवन में होना चाहिए. संघ का कार्य स्वार्थ तथा भय से नहीं चलता, आत्मीयता से चलता है. क्योंकि स्वार्थ और भय स्थाई नहीं है. इसीलिए कार्यालय पर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को उस आत्मीयता के दर्शन होना चाहिए. साथ ही कार्यालय के अनुशासन का पालन भी होना चाहिए.
संघ के हितैषी बढ़ रहे हैं, इसलिए जगह-जगह कार्यालय खुल रहे: आरएसएस चीफ
सरसंघचालक ने संघकार्य के विषय में बताते हुए कहा कि संघ का कार्य लोक संग्रह का कार्य है. समाज को इस संगठित शक्ति से अच्छे कार्य होंगे. इस शक्ति से सज्जन लोगों की सुरक्षा होगी और धर्म की रक्षा के लिए इस शक्ति का उपयोग होगा और जो दुर्जन है उनमें धाक बैठेगी. इसलिए संघ का कार्य ईश्वरीय कार्य है और ईश्वरीय कार्य को भगवान करेगा लेकिन उसका निमित्त हमें बनना है इसलिए शाखा चलती है. अपने इस ईश्वरीय और पवित्र कार्य का अनुभव कार्यालय के वातावरण से होना चाहिए.
आज संघ का कार्य बढ़ रहा है, संघ के हितैषी बढ़ रहें है। इसलिए जगह -जगह पर कार्यालय बन रहें है। लेकिन जब कार्यालय नहीं थे, तब भी संघ था। इसलिए सुविधाओं के कारण क्षमता कम नहीं होना चाहिए.
देश काे आगे बढ़ाने का काम संघ को भी नहीं दे सकते हैं…
सरसंघचालक जी ने आगे कहा कि पूरे समाज को संगठित होकर अपने देश के लिए जीने-मरने को उतारू होकर, एक होकर, भेद और स्वार्थ भूलकर जीना पड़ता है, तब देश आगे बढ़ता है. देश को आगे बढ़ाने का कार्य ठेके पर नही दिया जा सकता, संघ को भी नहीं दिया जा सकता. पूरे 130 करोड़ के समाज को संगठित होना होगा. सरसंघचालक जी ने उपस्थित समाज से प्रत्यक्ष रूप से संघ कार्य में जुड़ने का आग्रह किया.
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