बुरहानपुर में पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस क्यों भिड़ गईं निर्दलीय MLA सुरेंद्र सिंह शेरा से, जानें

अशोक सोनी

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Burhanpur News: मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और इस बीच विकास कार्यों को लेकर श्रेय की राजनीति नेताओं के बीच शुरू हो गई है. मध्ययप्रदेश के बुरहानपुर जिले में विकास कार्यों को लेकर पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता अर्चना चिटनिस यहां के निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा से भिड़ गईं. मामला था भावसा मध्यम सिंचाई परियोजना के निर्माण कार्य को शुरू कराने का. पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस का दावा है कि यह प्रोजेक्ट बीजेपी सरकार के दौरान पूरा हुआ और कमलनाथ की सरकार के दौरान अटका था. वहीं निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने पूर्व मंत्री के इस दावे को खारिज कर दिया और कहा कि इस प्रोजेक्ट को बजट और मंजूरी कमलनाथ सरकार ने दी थी.

बुरहानपुर में 159.52 करोड़ रुपए की लागत से भावसा मध्यम सिंचाई परियोजना को पूरा किया गया. बताया जाता है कि यह प्रोजेक्ट पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस का ड्रीम प्रोजेक्ट है. तो वहीं इसे लेकर बुरहानपुर विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा  ने वीडियो बयान जारी कर कहा है कि कमलनाथ की 15 माह की सरकार में तत्कालीन सांसद स्व. नंद कुमार सिंह चौहान उर्फ नंदु भैया के कहने पर 8 करोड़ रुपए की राशि दिलाई गई थी.नहीं तो यह योजना आगे नहीं बढ़ती. वहीं पूर्व मंत्री का कहना है कि 15 माह की कांग्रेस की सरकार में यह काम पूरी तरह बंद पड़ा था और भाजपा की सरकार में फिर से इस प्रोजेक्ट का काम शुरू करवाया गया था.

इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस का कहना है कि मुझे यह बताते हुए बहुत कष्ट हो रहा है कि सारे क्लियरेंस होने के बाद भी यह योजना 15 माह की कांग्रेस की सरकार में अटकी रही. भाजपा की सरकार बनते ही इसका काम चालू कराया गया. रविवार को जल तीर्थ यात्रा भी निकाली गई. जिसमें काफी संख्या में लोग पहुंचे. यहां पूर्व मंत्री ने उनके द्वारा किए गए अब तक के प्रयासों को आमजन के बीच साझा किया.

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विधायक के आरोप, बीजेपी कोरी वाहवाही लूट रही
बुरहानपुर जिले के भावसा सिचाई योजना को लेकर BJP कोरी वाहवाही लुट रही है. यह आरोप हैं बुरहानपुर विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा के. उन्होंने तल्ख़ टिप्पणी की है,.विधायक ने कहा कि भावसा डेम को लेकर परमिशन नहीं मिली थी, क्योकि फारेस्ट विभाग द्वारा 8 करोड़ की राशि नहीं दी जा रही थी. तब माननीय नंदू भैया ने मुझे कहा कि कमलनाथ सरकार से यह राशि दिलवा कर इस डेम का कार्य शुरू करवाओं. हमने सयुक्त प्रयास किए और मैंने कमलनाथ जी को इस मामले से अवगत करवाया. उन्होंने तुरंत स्वीकृति दी और 8 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिए. तब जाकर यह डैम आज तैयार होकर जनता के लिए उपयोगी साबित हो रहा है.

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