टाइगर की पीठ पर जख्म ने बढ़ाई वन्य अधिकारियों की चिंता, तलाश में जुटी टीमें

उमेश रेवलिया

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Khargone News:  खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर बड़वाह वन्य क्षेत्र में 10 दिन बाद वन विभाग की टीम और साथ गए लोगों को जंगल में बाघ नजर आया है. पानी के एक पोखर के पास आपको देखकर अधिकारियों ने पिक्चर्स लिया और वीडियो भी बनाए हैं. वीडियो को जब पास से देखा जाए तो बाघ की पीठ पर जख्म नजर आया. घाव ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी हैं. अब वन विभाग की टीम ड्रोन कैमरे की मदद से टाइगर को तलाश रही है.

बाघ की पीठ पर नजर आए घाव ने अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है. टाइगर को आईडेंटिफाई करने के लिए और घाव की गंभीरता को देखते हुए बड़वाह डीएफओ अनुराग तिवारी ने सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के डॉक्टर और टीम को तत्काल सूचना दी. रविवार को टीम बड़वाह के जंगल में पहुंच गई और बाघ के मूवमेंट के लिए अलग-अलग जगह कैमरे लगाए. ड्रोन कैमरे की मदद से टाइगर की सर्चिंग की जा रही है.

टाइगर को रेस्क्यू करने की जरूरत नहीं
वन मंडल अधिकारी ने बताया कि सतपुड़ा रिजर्व फारेस्ट की टीम ने इस बात की पुष्टि की है कि बाघ की पीठ पर जो जख्म के निशान हैं, वो सामान्य निशान रूप से किसी जानवर के संघर्ष या किसी रगड़ के निशान हो सकते हैं. ये जख्म ज्यादा गहरा नजर नहीं आ रहा है. इसलिए टाइगर कर रेस्क्यू की आवश्यकता नहीं है. यदि जख्म ज्यादा गहरा होता तो बाघ का रेस्क्यू कर उसका ईलाज किया जाता है. लेकिन ऐसी नौबत नही आएगी.

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चीता प्रोजेक्ट’ को बड़ा झटका
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में ‘चीता प्रोजेक्ट’ को लेकर दूसरा बड़ा झटका लगा हैं, जिसमें प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में साउथ अफ्रीका से 18 फरवरी को कूनो लाये गये 12 में से एक चीता की मौत हो गई है. हाल ही में चीतों के नामकरण करते समय इसका नाम उदय रखा गया था. मामले को लेकर पीसीसीएफ जसवीर सिंह चौहान ने MP Tak से फोन पर बातचीत में चीता उदय की मौत की पुष्टि की है.
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