धार भोजशाला पर मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट का ASI सर्वे पर रोक लगाने से इनकार

संजय शर्मा

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Dhar Bhojshala Survey: मध्य प्रदेश के धार के विवादित स्थल भोजशाला में चल रहे ASI सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को विवादित स्थल भोजशाला में सर्वे के निर्देश दिया था. 

सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि SC की इजाजत के बिना ASI की रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "वहां फिजीकल खुदाई आदि ऐसा कुछ ना हो जिससे धार्मिक चरित्र बदल जाए." SC ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर नोटिस जारी कर हिंदू पक्ष से चार हफ्ते में जवाब मांगा है.

मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी. हिंदू संगठनों के मुताबिक, धार स्थित कमाल मौलाना मस्जिद दरअसल मां सरस्वती मंदिर भोजशाला है, जिसे सन 1034 में राजा भोज ने संस्कृत की पढ़ाई के लिए बनवाया था, लेकिन बाद में मुगल आक्रांताओं ने उसे तोड़ दिया था.

मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का किया था रुख

बता दें हाईकोर्ट के निर्देश के बाद 22 मार्च को धार की भोजशाला में सर्वे शुरू हुआ था. वाराणसी की ज्ञानवापी की तरह ही भोजशाला में सर्वे किया जा रहा है. मुस्लिम पक्ष ने 22 मार्च को ही सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और उन्होंने सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था.

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सर्वे के दौरान ना हो खुदाई: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने अपने अंतरिम निर्देश में आज (1 अप्रैल) कहा कि सर्वेक्षण के नतीजे के आधार पर उसकी अनुमति के बिना कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि विवादित स्थलों पर कोई भौतिक खुदाई नहीं की जानी चाहिए, जिससे इसका स्वरूप बदल जाए.

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