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सैयद हैदर रज़ा के 101वें जन्मोत्सव पर बच्चों ने अर्पित की पुष्पांजलि, 3 दिन चलेगा रजा उत्सव

Mandla News: मध्य प्रदेश के मंडला में विश्व विख्यात चित्रकार सैयद हैदर रजा के 101वें जन्मोत्सव पर रजा उत्सव का शुभारंभ हुआ. 24 फरवरी तक आयोजित इस तीन दिवसीय आयोजन के प्रथम दिन बुधवार को सर्व प्रथम बिंझिया स्थित कब्रिस्तान में सुबह 10 बजे सैयद हैदर रजा और उनके पिता की कब्र पर चादर चढ़ाकर […]
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फोटो: सैयद जावेद अली

Mandla News: मध्य प्रदेश के मंडला में विश्व विख्यात चित्रकार सैयद हैदर रजा के 101वें जन्मोत्सव पर रजा उत्सव का शुभारंभ हुआ. 24 फरवरी तक आयोजित इस तीन दिवसीय आयोजन के प्रथम दिन बुधवार को सर्व प्रथम बिंझिया स्थित कब्रिस्तान में सुबह 10 बजे सैयद हैदर रजा और उनके पिता की कब्र पर चादर चढ़ाकर पुष्पांजलि अर्पित की गई. कार्यक्रम के दूसरे चरण में सुबह 10:30 पर रज़ा कला वीथिका में रज़ा उत्सव -2023 का शुभारंभ हुआ. जिसमें चित्रकला कार्यशाला व माटी पर रंग की शुरुआत हुई.

दसअसल मंडला में विश्व विख्यात चित्रकार सैयद हैदर रजा के 101वें जन्मोत्सव के अवसर पर रजा उत्सव का शुभारंभ किया गया. तीन दिन तक चलने वाले इस रज़ा उत्सव में लोग चित्रकारी कर अपने चहेते कलाकार को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों के साथ साथ सभी वर्ग के लोग चित्रकारी करने पहंच रहे हैं. 

101वें जन्मोत्सव कार्यक्रम पर आयोजन
बुधवार को विश्व विख्यात चित्रकार सैयद हैदर रज़ा को उनके 101वें जन्मोत्सव पर पुष्पांजलि अर्पित की गई. सुबह बिंझिया स्थित कब्रिस्तान में रज़ा फाउंडेशन के सदस्य, कलाकार, समाज सेवियों ने सैयद हैदर रज़ा और उनके पिता सैयद मोहम्मद रज़ी की कब्र में चादर चढाई गई. इस मौके पर रज़ा कला वीथिका में आयोजित रज़ा उत्सव का शुभारम्भ केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने किया. रज़ा उत्सव में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चों के साथ – साथ सभी वर्ग के लोग चित्रकारी करने पहुंचे.

बच्चे अपनी कल्पना को कैनवास में उकेरते नजर आए. माटी के रंग के तहत लोगों ने मिटटी की चीज़े भी बनाना सीखा. तीन दिन तक चलने वाले इस रज़ा उत्सव में लोग चित्रकारी कर अपने चहेते कलाकार को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

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फोटो: सैयद जावेद अली

जिला पंचायत संजय कुसराम ने पेंटिंग पर हाथ आज़माए
रज़ा उत्सव में शामिल होने पहुंचे जिला पंचायत मंडला के अध्यक्ष संजय कुसराम ने भी पेंटिंग पर हाथ आज़माए. उन्होंने रज़ा कला वीथिका का भ्रमण कर उसे और बेहतर बनाने का भरोसा दिलाया है. इसके साथ ही उन्होंने मंडला जिले में कला के विस्तार को लेकर रज़ा फाउंडेशन के प्रयासों की तारीफ करते हुए इसे ग्रामीण अंचलों में पहुँचाने की बात कही, इस दौरान गजेंद्र सोनी, जयदत्त झा, सुधीर कसार, प्रफुल्ल मिश्रा, विनय मिश्रा, सुधीर कांसकार, प्रवीण वर्मा, आशीष कछवाहा, मनोज द्धिवेदी, प्रशांत श्रीवास्तव, मुक्ता पांडे शर्मा, श्रीमती शिखा श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में कला प्रेमी उपस्थित थे.

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फोटाे : सैयद जावेद अली

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अधिवक्ता राकेश तिवारी ने कहा कि हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि, हमारे मंडला जिले की एक ऐसी शख्सियत जिन्हें सीमा में बांधना बहुत कठिन है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसा नाम स्थापित किया जिसके कारण आज हमारे जिले का नाम भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके नाम के साथ जोड़कर गौरवान्वित हो रहा है. उनके लिए कुछ कहना सूरज को दिया दिखाना के जैसा है. उनकी जो पेंटिंग, चित्रकारी थी उसमें एक संदेश हुआ करता था जो मानव जीवन के उत्थान के लिए, उनके विकास के लिए और मानवता को जीवित रखने के लिए  हुआ करता था. आज इस अवसर पर हम सभी को यही संकल्प लेना चाहिए ऐसी ऐसी शख्सियत के वजूद को आजीवन हमेशा हम सभी जीवित रखें और हम सभी अच्छे काम करते रहें.

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कौन हैं सैयद हैदर रज़ा?
सैयद हैदर रज़ा का जन्म 22 फ़रवरी 1922 को कक्कैया (मंडला जिला) मध्य प्रांत वर्तमान के मध्यप्रदेश में हुआ था.3 साल की उम्र में रज़ा मध्य प्रदेश से चले गए और अपनी हाई स्कूल की शिक्षा सरकारी हाई स्कूल से पूरी की.रज़ा ने चित्रकला की शिक्षा नागपुर स्कूल ऑफ़ आर्ट एवं सर जेजे स्कूल ऑफ़ आर्ट, मुंबई से प्राप्त की. जिन कलाकारों ने आधुनिक भारतीय चित्रकला को नया और आधुनिक बनाया है, उनमें सैयद हैदर रज़ा एक बहुत बड़ा नाम है.

उनका सिर्फ़ इसी वजह से कला की दुनिया में आदर नहीं किया जाता बल्कि जिन कलाकारों ने आधुनिक भारतीय कला को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित किया उनमें हुसैन साहब और एफ.एन.सूजा के साथ सैयद हैदर रज़ा का नाम भी शामिल है. रज़ा पेरिस में जाकर बस गए. वे लंबे समय तक पश्चिम में रहे और वहाँ की कला की बारीकियों से प्रभावित हुए. पेरिस में होते हुई भी उनका भारत से काफी जुड़ाव रहा. उनके द्वारा बनाया गया एक चित्र 2010 में क्रिस्टी की नीलामी में ₹16.42 करोड़ में बिका था. सैयद हैदर को 1981 में पद्म श्री और 2013 में पद्म विभूषण से सम्मनित किया गया था. उन्हें 14 जुलाई 2015 को लीजन ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था.

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