महाकाल में अब नहीं सुनाई देगी भस्मारती में गूंजने वाली ‘वो आवाज’, हमेशा के लिए हो गई खामोश...
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"भगवान को भस्म चढ़ रही है, महिलाएं घूंघट कर लें.." करीब 45 साल से बाबा महाकाल की सेवा में लीन ये आवाज अब नहीं सुनाई देगी.
Mahakal News: "भगवान को भस्म चढ़ रही है, महिलाएं घूंघट कर लें.." करीब 45 साल से बाबा महाकाल की सेवा में लीन ये आवाज अब नहीं सुनाई देगी. होली के दिन महाकाल के गर्भगृह में जो दर्दनाक हादसा हुआ, उसकी वजह से ये आवाज अब हमेशा के लिए खामोश हो गई है. दरअसल, होली के दिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में हुए हादसे में झुलसने वाले महाकाल के सेवक सत्यनारायण सोनी की कई दिनों तक चले इलाज के बाद मृत्यु हो गई है.
सत्यनारायण सोनी लगभग 45 सालों से भस्मारती के दौरान सेवक के रूप में कार्य कर रहे थे. वे दर्शनार्थियों से चढ़ावा एकत्रित करने के लिए आवाज लगाते थे. साथ ही भगवान को भस्म अर्पित करने के दौरान महिलाओं से सिर ढंकने का आग्रह भी वे ही आवाज लगाकर करते थे. बाबा महाकाल की सेवा में लीन सत्यनारायण सोनी की ये आवाज़ अब नंदी हॉल में नहीं गूंजेगी.
भस्मारती के दौरान हुआ था हादसा
होली के दिन महाकाल मंदिर के गर्भगृह में दर्दनाक हादसा हो गया था. सुबह भस्म आरती के दौरान मंदिर के गर्भगृह में आग लगने से सेवकों सहित 14 पुजारी झुलस गए थे. सत्यनारायण सोनी बुरी तरह झुलस गए थे. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए इंदौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी हालत गंभीर होने की वजह से बाद में उन्हें मुंबई रैफर किया गया था. करीब 15 दिनों तक चले इलाज के बाद उन्होंने मुंबई के अस्पताल में दम तोड़ दिया.
महाकाल के सच्चे सेवक...
सत्यनारायण सोनी बाबा महाकाल के सेवक थे. भस्म आरती में सफाई करना हो, पूजन सामग्री एकत्रित करना हो या अन्य कोई भी काम हो, बाबा की पूजा का हर कार्य करने के लिए वे हमेशा तत्पर रहते थे. उनकी मृत्यु पर मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने भी दुख जताया है. डिप्टी सीएम देवड़ा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर भावुक पोस्ट लिखी है...
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गुलाल फेंकने से हुआ दर्दनाक हादसा
गर्भगृह में हुए दर्दनाक हादसे के बाद मामले की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि आग लगने का कारण केमिकल वाला गुलाल था. इसी गुलाल के फेंकने के कारण आग तेजी से भड़क गई थी. जिसके बाद कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे. जांच की जिम्मेदारी अपर कलेक्टर मृणाल मीणा और ADM अनुकूल जैन को सौंपी थी. इसके बाद तय किया गया था कि मंदिर के अंदर अब भक्त गुलाल नहीं ले जा सकेंगे. मंदिर के लिए अलग से गुलाल मंगाई जाएगी. किसी को भी गुलाल अंदर ले जाने की अनुमति नहीं मिलेगी.
सीएम मोहन ने की थी मुलाकात
सीएम मोहन यादव ने इस हादसे के बाद घायलों से अस्पताल में मुलाकात की थी. घायलों के उपचार के लिए एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया था. जानकारी के मुताबिक होली के दिन महाकाल के गर्भगृह में हुए अग्निकांड में झुलसे पुजारी पुत्र मनोज शर्मा, पुजारी संजय शर्मा और सेवक चिंतामण का इलाज अभी भी इंदौर के अरविंदो अस्पताल में जारी है.
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