MP Loksabha Election 2024: मध्य प्रदेश की सतना लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी नहीं बल्कि बहुजन समाज पार्टी के मैदान में होने के कारण यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही दल पूरी ताकत के साथ प्रचार प्रसार में जुटी हुई हैं. इसी कारण कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और स्टार प्रचारक राहुल गांधी आज सतना में चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे.
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जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी सतना में पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू के समर्थन में आम सभा को संबोधित करेंगे. राहुल का यह मध्य प्रदेश में बीते 14 दिन में दूसरा दौरा है. इससे पहले उन्होंने 8 अप्रैल को मंडला और शहडोल में चुनावी सभाएं ली थीं.
दमोह में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे राहुल
सतना में राहुल गांधी के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और राज्य सभा सदस्य विवेक तन्खा में भी उपस्थित रहेंगे, आज ही यह तीनों नेता दमोह लोकसभा क्षेत्र के कुण्डलपुर में स्थानीय कार्यक्रम में भी शामिल होंगे. इसके बाद इस सीट के अंतर्गत जबेरा विधानसभा क्षेत्र के तेंदूखेड़ा पहुंचकर वहां कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे.
विधानसभा के बाद लोकसभा में भी दोनों प्रत्याशियों के बीच मुकाबला
कांग्रेस और बीजेपी ने जिन प्रत्याशियों को लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाया है. वे पहले भी आमने सामने हो चुके हैं. बीजेपी की तरफ से मौजूदा सांसद गणेश सिंह तो वहीं कांग्रेस की तरफ से सिद्धार्थ कुशवाहा डब्बू को आमने सामने हैं. जिसमें सांसद गणेश सिंह को करारी हार का सामना करना पड़ा था. इन्हीं सब के बीच मैहर से पूर्व विधायक नारायण त्रिपाठी भी बीएसपी की तरफ से मैदान में हैं. यही कारण है कि यहां मुकाबला त्रिकोणीय होता जा रहा है.
लोकसभा 7 विधानसभा सीटों में से 5 पर भाजपा
सतना लोकसभा क्षेत्र में कुल 7 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. कुल 7 में से 5 सीटों पर भाजपा का कब्जा है. चित्रकूट से सुरेंद्र सिंह गहरवार (बीजेपी), रैगांव से प्रतिमा बागरी (बीजेपी), सतना से सिद्धार्थ कुशवाहा (कांग्रेस), नागौद से नागेंद्र सिंह (बीजेपी), मैहर से श्रीकांत चतुर्वेदी (बीजेपी), अमरपाटन से राजेंद्र कुमार सिंह (कांग्रेस) और रामपुर बघेलान से विक्रम सिंह (बीजेपी) विधायक हैं.
शुरुआती दौर में रहा कांग्रेस का राज
सतना संसदीय सीट पर शुरुआती दौर में कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव जीतते रहे। साल 1957 और साल 1962 में सतना स्वतंत्र सीट नहीं थी. पांचवीं लोकसभा के गठन के लिए साल 1971 में हुए चुनाव में भारतीय जनसंघ के नरेंद्र सिंह ने कांग्रेस का वर्चस्व खत्म कर दिया.
साल 1977 में जनता पार्टी के दादा सुखेंद्र सिंह भारतीय लोकदल के टिकट पर जीते, साल 1980 और साल 1984 में यह सीट कांग्रेस के पास रही, सबसे बड़ा उलटफेर वर्ष 1996 में हुआ, जब बसपा के सुखलाल कुशवाहा ने चुनाव जीत लिया. सुखलाल कुशवाहा मध्य प्रदेश के बसपा के पहले सांसद थे. वर्ष 1998 के बाद से यह सीट लगातार भाजपा के पास है.
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