MP के इस इलाके में आज भी मनाई जाती है महात्मा गांधी की त्रयोदशी! 70 साल से जारी है परंपरा
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SHEOPUR NEWS: मध्यप्रदेश में एक ऐसी भी जगह है, जहां पर लोग पिछले 70 साल से महात्मा गांधी की त्रयोदशी मना रहे हैं. मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में तीन नदियों के संगम स्थल पर यह कार्यक्रम हर साल 12 फरवरी को आयोजित होता है. चंबल, बनास और सीप नदी के इस त्रिवेणी संगम पर हर साल महात्मा गांधी की त्रयोदशी बनाई जाती है. इस कार्यक्रम को गांधी स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है. कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों के लिए गंगभोज होता है तो देशभर से यहां गांधीवादी विचारक एकत्रित होकर भजन और शांति पाठ करते हैं.
श्योपुर से 40 किमी दूर मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा रेखा चम्बल, बनास और सीप नदियों के त्रिवेणी संगम पर रामेश्वर धाम स्थित है. बताते हैं कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद उनका अंतिम संस्कार करके वर्ष 1948 में देश के 27 पावन स्थलोंं पर उनकी अस्थियां विसर्जित की गई थीं. उनमें से एक स्थान श्योपुर जिले में स्थित यह त्रिवेणी संगम स्थल भी है. इस कार्यक्रम की शुरूआत गांधीवादी विचारकों ने की थी लेकिन पिछले कुछ सालों से इस कार्यक्रम का आयोजन गांधी विचार मंच नाम की संस्था कर रही है.
त्रयोदशी कार्यक्रम के मौके पर संगम किनारे दूर दूर से आए गांधीवादी विचारकों ने प्रार्थना और श्रृद्धाजंली सभा की. त्रयोदशी के लिए सामुहिक गंग भोज भी रखा गया. सैकड़ो लोगो की मौजूदगी वाले इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि और कलेक्टर सहित स्थानीय प्रशासन के अधिकारी भी पहुंचे थे.
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सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की ली शपथ
इस बार आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में संयुक्त राष्ट्र संघ के भूतपूर्व वरिष्ठ सलाहकार मार्कडेय राय, विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ रजनीश कुमार, पीस एक्टिविस्ट और राष्ट्रीय एकता परिषद के मुखिया रनसिंह परमार मौजूद थे. वही क्षेत्रीय विधायक बाबू जंडेल भी थे. इस अवसर पर सभी ने महात्मा गांधी के पद चिन्हों पर चलने और सत्य व अहिंसा के मार्ग को प्रशस्त करने की शपथ ली. प्रार्थना सभा और भजन कार्यक्रम भी इस दौरान हुए.
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कब हुई थी महात्मा गांधी की हत्या?
महात्मा गांधी की 30 जनवरी 1948 को हत्या कर दी गई थी. नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या की थी. इसके 13 दिन बाद यानी 12 फरवरी को महात्मा गांधी की त्रयोदशी मनाई गई थी. आयोजनकों का कहना है कि इसी घटना की याद में श्योपुर के इस इलाके में महात्मा गांधी की त्रयोदशी आज भी मनाई जा रही है, ताकि लोग इस घटना को याद रख सकें और सही एवं गलत में फर्क महसूस करते रहें.
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