MP NEWS: पन्ना टाइगर रिजर्व में एक बार फिर से खुशियां लौटी हैं. यहां की बाघिन P-151 ने 4 नए शावकों को जन्म दिया है. पार्क प्रबंधन के अनुसार चारों शावक स्वस्थ और सुरक्षित हैं. पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ के 4 नए शावकों के जन्म लेने की खबर ने पूरे क्षेत्र में हर्ष का माहौल पैदा कर दिया. दो दिन पहले ही पन्ना टाइगर रिजर्व की बाघिन T-1 की 17 साल की उम्र पूरी करने के बाद मृत्यु हो गई थी. बाघिन T-1 को पन्ना टाइगर रिजर्व को दोबारा से आबाद करने का श्रेय प्राप्त है और इसी कारण बाघिन T-1 को यहां पर लोगों द्वारा बाघों की दादी कहा जाता था. लेकिन बाघिन P-151 द्वारा 4 नए शावकों को जन्म देने की वजह से पार्क प्रबंधन और स्थानीय लोगों का बाघिन T-1 की मृत्यु का दुख कुछ हद तक कम हुआ.
दिलचस्प बात यह है कि बाघिन P-151 को बाघिन T-1 की बेटी बताया जाता है और बाघिन P-151 भी तीसरी बार मां बनी है और 4 नए शावकों को जन्म दिया है. इस प्रकार बाघिन T-1 की मृत्यु के बाद भी उसकी वंशावली के बढ़ने का क्रम लगातार जारी बना हुआ है. पार्क प्रबंधन इस तथ्य से बेहद उत्साहित है. पार्क प्रबंधन ने बताया कि बाघिन P-151 के मां बनने की खबर हमें थोड़ी देर से मिली. चारों बच्चे न सिर्फ स्वस्थ हैं बल्कि वे सभी 3-3 माह के हो चुके हैं. इस प्रकार बाघिन P-151 अपने बच्चों को जन्म देने के बाद उनको सुरक्षित रख पाने में भी सफल रही है. पार्क प्रबंधन के अनुसार उन्हें इस नए डेवलपमेंट से बाघों के विस्तार को लेकर बहुत उम्मीदें जगी हैं.
पन्ना टाइगर रिजर्व के मंडला परिक्षेत्र में पार्क प्रबंधन ने बाघिन P-151 को अपने नन्हें शावक के साथ विचरण करते हुए देखा और उन पलों की तस्वीरें भी कैमरे में कैद कीं. यहां घूमने आने वाले कुछ सैलानियों को भी बाघिन P-151 और उसके चार नन्हें शावकों के साथ घूमते देखने का मौका मिला. सभी इन पलों को देखकर बेहद भावुक और खुश थे.
पन्ना के टाइगर रिजर्व को आबाद करने वाली बाघिन T-1 अब नहीं रही, पूरी दुनिया थी इसकी दीवानी!
पार्क में बाघों का कुनबा बढ़ रहा है
पन्ना टाइगर रिजर्व के संचालक बृजेंद्र झा ने बताया कि बाघिन P-151 और उसके नन्हे मेहमानों को पार्क प्रबंधन द्वारा वर्तमान में विशेष सुरक्षा दी जा रही है. लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व में जिस तरह से बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है और उनकी टेरेटरी का क्षेत्रफल घट रहा है, उससे प्रबंधन को इनकी सुरक्षा करने में काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या अधिक और टेरेटरी का क्षेत्र कम हो जाने से कई बार इनके आपसी झगड़े में घायल या मौत होने तक का खतरा बना रहता है. आपको बता दें कि इस समय पन्ना टाइगर रिसर्व में बाघों की संख्या बढ़कर 85 हो गयी है. मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ाने को लेकर विशेष प्रयास किए जा रहे हैं.
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