कूनो में 3 चीतों की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, MP छोड़ राजस्थान जाएंगे चीते?
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Cheetah News: कूनो नेशनल पार्क में हुई चीतों की मौत पर बवाल शुरू हो गया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. कूनो नेशनल पार्क में 2 महीनों के भीतर 3 चीतों की मौत होने पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता व्यक्त करते हुए इन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने की बात कही है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि केंद्र सरकार को राजनीति से ऊपर उठकर चीतों को राजस्थान में शिफ्ट करना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह राजनीति से ऊपर उठकर, उन्हें राजस्थान में स्थानांतरित करने पर विचार करे. न्यायमूर्ति बीआर गवई और संजय करोल की पीठ ने केंद्र से कहा है कि कूनो में चीतों के लिए पर्याप्त स्थान नहीं है. उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने पर विचार करना चाहिए. इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी चीतों की मौत पर सवाल खड़े करते हुए इंतजामों पर सवाल खड़े किए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- राजस्थान में करें शिफ्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कूनो नेशनल पार्क में हुई विदेशी चीतों की मौत पर चिंता जताते हुए केंद्र से कहा कि आप राजस्थान में जगह की तलाश क्यों नहीं करते? केवल इसलिए कि वहां विपक्षी पार्टी का शासन है. कोर्ट ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है, आप इस पर विचार नहीं करेंगे. इस पर केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि चीता टास्क फोर्स मौत के कारणों और इन्हें दूसरी जगहों पर शिफ्ट करने के पहलुओं की जांच कर रही है.
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पीएम मोदी ने किया था रिलीज
प्रोजेक्ट टाइगर के तहत भारत में चीतों के संरक्षण के लिए विदेश चीतों की खेप भारत लाई गई थी. कूनो नेशनल पार्क में 8 चीते नामीबिया से लाए गए थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर नामीबियाई चीतों को बाड़े में रिलीज किया था. जबकि 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे. कूनो में कुल 18 चीतों को छोड़ा गया था, जिनमें से 2 नर और एक मादा चीता की मौत हो चुकी है.
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ऐसे हुई चीतों की मौत
27 मार्च को, साशा नाम की मादा चीता की किडनी की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी. 23 अप्रैल को उदय (दक्षिणी अफ्रीका) की कार्डियो-पल्मोनरी फेलियर के कारण मृत्यु हो गई थी और 9 मई को दक्ष नामक एक अन्य दक्षिण अफ्रीकी मादा चीता की मृत्यु हो गई थी, इसकी मौत की वजह एक नर चीता से हुई हिंसक झड़प थी. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कूनो नेशनल पार्क में कम जगह में ज्यादा चीतें हैं, ये जगह पर्याप्त नहीं है और सरकार को चीतों को अन्य अभ्यारण्यों में शिफ्ट करने पर विचार करना चाहिए.
पीठ ने कहा कि वह सरकार की मंशा पर संदेह नहीं कर रही है, लेकिन चीता विशेषज्ञों के लेख और रिपोर्ट हैं, इसलिए केंद्र को उनके लिए कम से कम एक या अधिक आवास पर विचार करना चाहिए.
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