MP के इस बल्लेबाज़ ने IPL में मचाया कोहराम, रोहित की टीम को पानी पिलाने वाला खास है ये खिलाड़ी
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Madhya Pradesh Batter Ashutosh Sharma: 'दिल ना उम्मीद तो नहीं नाकाम ही तो है, लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है...' फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ के इस शेर को कागज से असल जिंदगी में जिसने साकार किया IPL में गेंदबाजों के छक्के छुड़ाने वाले उस अद्भुत क्रिकेटर का नाम है आशुतोष शर्मा. आशुतोष मध्य प्रदेश के रतलाम से आने वाले अनकैप्ड भारतीय बल्लेबाज़ हैं, जो IPL में प्रीति ज़िंटा की टीम पंजाब किंग्स से खेलते हैं. आशुतोष ने गुजरात के खिलाफ़ पंजाब की जीत में एक अहम योगदान निभाने के बाद सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. आशुतोष की जिंदगी बेहद प्रेरक है.
उन्हें बचपन से लेकर अब तक समय-समय पर विषम परिस्थितियों से गुजरना पड़ा है, जिसका उन्होंने डटकर सामना किया. अगर क्रिकेट की भाषा में कहें तो आशुतोष को दुखों की बाउंसर आती रहती हैं, मगर आशुतोष उसे हर बार सीमा रेखा के पार भेज देते हैं.
10 साल की उम्र में छोड़ा घर, इस क्रिकेटर ने की हेल्प
जिस उम्र में आशुतोष के बाकी दोस्त घर से बाहर तक नहीं निकलते थे, आशुतोष ने उस छोटी उम्र में घर छोड़ने का बड़ा निर्णय ले लिया. उसने 10 साल की उम्र में अपना बैग पैक कर लिया. रतलाम छोड़ इंदौर जाने का फैसला किया और पहुंच भी गए, लेकिन असली परीक्षा इंदौर पहुंचने के बाद शुरू हुई है. उन्हें इंदौर में भोजन के प्रबंध से लेकर सारे दैनिक जीवन के काम अकेले करने पड़ते थे. कई रातें आशुतोष को भूखे सोना पड़ा, यह सब उन्होंने एक ही जुनून, एक ही लक्ष्य के लिए किया - क्रिकेट. उनका दिन 22 गज की पिच से शुरू और उसी पर खत्म होता था.
आशुतोष को गरीबी की वजह से करनी पड़ी अंपायरिंग
गरीबी के कारण और पैसों की किल्लत को कम करने के लिए आशुतोष शर्मा को अंपायरिंग करनी पड़ी. फिर आशुतोष ने मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA)अकादमी में दाखिला लिया, जहां उनकी मुलाकात भारत के पूर्व क्रिकेटर अमय खुरासिया से हुई, उन्होंने आशुतोष को एक नई दिशा दी.
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खूब रन बनाए, फिर भी नहीं मिली मदद
आशुतोष शर्मा दाएं हाथ के खिलाड़ी है, जो कि धमाकेदार बल्लेबाजी करते हैं, MPCA में उचित मार्गदर्शन मिलने के बाद उनका खेल अलग निखर कर आने लगा. 20 साल के होने से पहले ही उन्होंने MP के लिए लिस्ट A और टी-20 में डेब्यू किया और एज क्रिकेट सर्किट में अपना नाम बनाया.
जब आशुतोष शर्मा के जीवन में सब ठीक हो गया लगने लगा, तभी जीवन ने एक गूगली फेंक दी. आशुतोष बताते हैं कि कैसे 2019 के टी-20 में उन्होंने अपने आखिरी गेम में 84 रन बनाये थे. वह अगले साल बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयारी कर रह थे. मगर अगले साल MP ने एक नए कोच को शामिल किया, जो अपनी पसंद और ना पसंद के साथ आये थे. आशुतोष की माने तो वह नापसंद खिलाड़ियों की सूची में आते थे. ट्रायल मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद उन्हें नहीं चुना गया, जिससे आशुतोष शर्मा डिप्रेशन में चले गये.
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रेलवे ने ऐसे आसान किया सफर
आशुतोष शर्मा को जब मध्य प्रदेश की टीम में मौका नहीं मिला तो उन्होंने रास्ता बदला और रेलवे में जाने की सोची. उनके इस कदम ने सही मायने में उनकी दुनिया पलट दी. रेलवे कोच और चयनकर्ताओं ने उनको बैक किया और उनका खेल बेहतर से बेहतरीन होता गया.
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20 लाख के खिलाड़ी ने करोड़ों के खिलाड़ियों को पीछे छोड़ा
फिर आशुतोष शर्मा की जिंदगी में आया वो खास पल, जब आईपीएल के ऑक्शन में उन्हें प्रीति जिंटा की टीम पंजाब किंग्स ने नीलामी में 20 लाख में खरीदा. उन्होंने गुजरात की टीम के खिलाफ़ डेब्यू किया और शशांक सिंह के साथ मिलकर टीम को एक करिश्माई जीत दिलाई. जहां पंजाब के करोड़ों में बिके विदेशी खिलाडी़ पूरे IPL में मैच दर मैच फेल होते रहे, वहीं 20 लाख में खरीदे गये आशुतोष ने पंजाब के लिए शानदार प्रदर्शन किया. आशुतोष ने 9 मैचों में 14 सिक्स के साथ 170 बनाये. आशुतोष भारत के उभरते खिलाड़ी हैं और यह नाम अब क्रिकेट की दुनिया में सुनने को मिलता रहेगा.
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इनपुट- एमपी तक के लिए वरुल चतुर्वेदी.
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