ओंकारेश्वर में जल्दी दर्शन पर विवाद, महाराष्ट्र से आई महिला ने कर दी मंदिर कर्मचारी की पिटाई
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Khandwa News: देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर में इस समय भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. इससे मंदिर की व्यवस्थाएं ध्वस्त हो रही हैं. व्यवस्थाओं के बिगड़ने की बात सीएम शिवराज के सामने भी आ चुकी है. सीएम मंदिर परिसर में व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी कलेक्टर और कमिश्नर को भरे मंच से सौंप चुके हैं. लेकिन यहां पर विवाद कम नहीं हो रहे हैं. कुछ दिन पहले मन्दिर में एक पुजारी द्वारा श्रद्धालु की पिटाई का वीडियो वायरल हुआ था. आज भी मारपीट का ऐसा ही वीडियो वायरल हो रहा है.
आज गर्भगृह में जल्दी दर्शन करने के लिए कहने पर एक महिला श्रद्धालु को इतना गुस्सा आया कि उसने वहां सेवा में तैनात मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारी के साथ मारपीट शुरू कर दी. महिला महाराष्ट्र पुलिस विभाग में ही कार्यरत हैं. कर्मचारी महेंद्र सिंह की शिकायत पर पुलिस ने पुणे निवासी भावना और उसके पति नितिन पंवार के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज़ कर लिया है.
मंदिर में आए दिन हो रही मारपीट की वारदातें
इधर मन्दिर के व्यवस्थापकों के सामने यह चुनौती है, कि लोगों को गर्भगृह से जल्द बाहर नहीं करे तो सभी लोगों के दर्शन संभव नहीं है. इसी स्थिति के चलते यहां अक्सर विवाद की स्थिति बन रही है. कल मंदिर के कर्मचारी महेंद्र सिंह ने मान्धाता थाने में शिकायत दर्ज कराई है. कि वह जब दर्शन की व्यवस्था सुचारु संचालित करने का प्रयास कर रहे थे. तभी एक महिला ने उनसे न केवल अभद्र व्यवहार किया, बल्कि उनके साथ मारपीट भी की है. वे उस महिला से सिर्फ इतना कह रहे थे कि वो जल्द दर्शन कर आगे बढें जिससे दूसरों को भी मौका मिल सके. कुछ भक्तो की ज़िद के कारण लम्बा जाम दर्शनार्थियों का लग जाता है, और वहां आक्रोश पनपने लगता है. महेंद्र सिंह की शिकायत पर पुलिस ने पुणे निवासी भावना और उसके पति नितिन पंवार के खिलाफ मारपीट का प्रकरण दर्ज़ कर लिया है.
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मंदिर प्रशासन ने बोला- हमारे कमर्चारी की कोई गल्ती नहीं
कल जो घटना हुई उसमे हमारे मंदिर के कर्मचारी महेन्द्र सिंह जी का एक प्रतिशत भी दोष नहीं है. कल रविवार का दिन होने के कारण हजारो की तादाद में श्रद्धालु यहां आये थे, और वे अपनी ड्यूटी कर रहे थे. मंदिर में सभी वीआईपी व्यवस्था बंद कर दी गई हैं. भीड़ होने के कारण अंदर जो कर्मचारी होता है. वह यात्रियों को बाहर निकालता है. लोगों को लगता है कि वो हमको धक्का दे रहे हैं, जबकि ऐसी कोई बात नहीं होती है. कल घटना के वक्त मैं वहीं खड़ा था. महेंद्र सिंह ने सिर्फ इतना कहा कि चलो जल्दी जल्दी निकलते चलो. महिला आई ओर आते से उसने अटैक किया, मारपीट की, उसका गला पकड़कर लाये और बाहर भी मारा, हमेशा यात्री कर्मचारियों के साथ अभद्रता करते हैं यह हम देखते हैं. कोई वीआईपी गेट से जाना चाहता है तो कोई निकासी से घुसना चाहता है. सभी को मंदिर के सेवकों के बारे में भी विचार करना चाहिए.
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मंदिर पुजारियों और मंदिर ट्रस्ट कर्मचारियों में आक्रोश
महिला का आरोप था कि वह जब शिवलिंग पर जलाभिषेक कर रही थी, तब उक्त कर्मचारी ने उन्हें धक्का देकर बाहर निकालने का प्रयास किया. जिससे उन्हें गुस्सा आ गया. बहरहाल मंदिर में सेवारत अन्य पुजारियों ने हस्तक्षेप कर विवाद को शांत किया. इस घटना से अब पुजारियों और मंदिर ट्रस्ट के कर्मचारियों में भी आक्रोश है, कि इस घुटन भरे गर्भगृह में वो लम्बे समय तक श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन करवाने के लिए सेवारत रहते हैं, और उल्टा उन्हें ही आक्रोश का सामना भी करना पड़ता है. दरअसल यहां गर्भगृह को बड़ा करने की मांग लंबे समय से उठ रही है, लेकिन इसका कोई समाधान शासन -प्रशासन अभी नहीं निकाल पाया है.
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