वैद्य बनकर गैंग ने लूटे 42 लाख रुपये, बुजुर्गों को बनाते थे निशाना; ऐसे दिया वारदात को अंजाम
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Madhya Pradesh: भोपाल में आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. आरोपी ने बैंक मैनेजर से इलाज के नाम पर करीब 42 लाख रुपये ऐंठ लिए. क्राइम ब्रांच ने आरोपी को राजस्थान के जोधपुर से गिरफ्तार किया है. पूछताछ के दौरान उसने कई बड़े खुलासे किए हैं. उनकी गैंग वैद्य बनकर लोगों के झूठे इलाके नाम पर लाखों रुपये लूटती थी.
शाहपुरा भोपाल निवासी राकेश मोहन विरमानी ने क्राइम ब्रांच भोपाल में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें राजीव, डॉ आर पटेल, संजीवनी आयुर्वेदिक भंडार, अन्य एक व्यक्ति के द्वारा इलाज के नाम पर 44 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिसकी जांच दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर आरोपियों पर 420 का मामला दर्ज किया गया.
पूछताछ के दौरान किए चौंकाने वाले खुलासे
27 वर्षीय आरोपी का नाम सावर लाल जाट है. ढाणी पीपली, जिला जयपुर का निवासी है. आरोपी ने पूछताछ के दौरान खुलासा करते हुए बताया कि उनका गैंग है. जिसमें करीब 6-7 लोग है. वह तथा उसके दो-तीन साथी जोधपुर में रहते हैं. बाकी के सदस्य भोपाल आकर आउटर क्षेत्र में निवास करते हैं. गैंग के सदस्य दिन एवं शाम के समय बड़े होटल एवं रेस्टोरेंट के पास जाकर बुजुर्ग एवं ऐसी महिलायें जिनको चलने में दिक्कत होती है, उन्हें टारगेट करते हैं. महिलाओं के पास गैंग के कुछ लोग जाते हैं और उन्हें बोलते थे कि मेरी मां को भी पैरों में तकलीफ थी, जिसका इलाज मैंने वैद्य से कराया है. इस तरह से महिलाओं को अपने झांसे में लेकर अपने गैंग के वैद्य साथी का नंबर देते थे.
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वैद्य बनकर लूटे 42 लाख
जालसाज वैद्य बनाकर अपने एक साथी को पीड़ित के घर पहुंचे और बताया कि इनके पैर जहर फैल गया है, जिसे यंत्र के माध्यम से बाहर निकालना पड़ेगा. लगभग 300-400 जगह से यह प्रक्रिया करनी पड़ेगी. एक बार का चार्ज 6,000/- रुपये बताया, चूंकि पीड़ित को समस्या काफी थी, जिस वजह से उसने सहमति जता दी. जिसके बाद गैंग का सदस्य जो वैद्य बनकर आया था, उसने पीड़ित महिला के पैरो में फनलनुमा यंत्र के माध्यम से मवाद जैसी चीज को निकाला, उसे जहर बताया. मवाद बाहर निकलने से पीड़ित महिला को आराम महसूस हुआ. इस तरह उनके द्वारा लगभग 400 बार यह प्रक्रिया करायी गई, जिसमें से कुछ पैसे पीड़ित के द्वारा घर पर दिये गये, शेष पैसे 21 लाख रुपये अपने बैंक से वैद्य के सहायक को ले जाकर बैंक से गैंग के सदस्यों के खातों में आरटीजीएस किये गये. इस तरह से आरोपियों ने कुल 42 लाख रुपये लूट लिए.
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इस तरह दिया झांसा
गैंग के वैद्य के द्वारा आयुर्वेदिक दवाओं के लिये पीड़ित को संजीवनी आयुर्वेदिक भंडार नई दिल्ली का पता दिया गया और दवा कोरियर के माध्यम से मंगवाने को कहा. आरोपी द्वारा जो नंबर संजीवनी आयुर्वेद भंडार का बताया गया था, वह राजस्थान का था. जिस पर कॉल करने पर भी गैंग के सदस्यों द्वारा नकली दवाएं पीड़ित को राजस्थान से कोरियर की गई. जिसके बदले में लगभग 10 लाख रुपये खातों में जमा करवाये गये. इस तरह गैंग के सदस्य के द्वारा इलाज के नाम पर धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दिया गया. आरोपी का नाम सावर लाल जाट है. वह ढाणी पीपली, जिला जयपुर का निवासी है. लाखों की धोखाधड़ी को अंजाम देने वाला आरोपी गार्ड की नौकरी करता है.
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