Ground Report: MP के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में ही स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल, ‘विकास’ पर उठ रहे सवाल

MP NEWS: बीजेपी एक तरफ मध्यप्रदेश के हर जिले में विकास यात्राएं निकाल रही है तो वहीं उनके ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के गृह जिला रायसेन में ‘विकास’ सवालों के घेरे में है. दरअसल मध्यप्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के गृह जिला रायसेन में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है. […]

Raisen News ground report poor health facilities mp news Dr. Prabhuram Chowdhary
Raisen News ground report poor health facilities mp news Dr. Prabhuram Chowdhary
social share
google news

MP NEWS: बीजेपी एक तरफ मध्यप्रदेश के हर जिले में विकास यात्राएं निकाल रही है तो वहीं उनके ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के गृह जिला रायसेन में ‘विकास’ सवालों के घेरे में है. दरअसल मध्यप्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी के गृह जिला रायसेन में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है. MP Tak की टीम ने ग्राउंड पर जाकर पड़ताल की तो रायसेन में स्वास्थ्य सेवाएं ठप नजर आईं. पढ़िए, MP Tak की ग्राउंड रिपोर्ट.

कहानी की शुरूआत होती है रायसेन जिले के उदयपुरा विकासखंड से. यहां पर 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाएं बंद हैं. जिले में 28 उप स्वास्थ्य केंद्र बदहाली में खंडर हो चले हैं. ये सभी वर्ष 1990 के दशक में चालू हुए थे. लेकिन तभी से इनका संचालन नियमित रूप से नहीं हो रहा है.

उदयपुरा तहसील में 4 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,28 उप स्वास्थ्य केंद्र एवं एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं.  लेकिन ग्राउंड पर सिर्फ एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुरा एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देवरी ही चालू हैं. शेष तीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केतोघान, छातेर,और कुचवाड़ा बंद हैं और इन पर ताले लगे हुए हैं. वहीं प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र कुचवाड़ा और छातेर जर्जर हो चुका हैं.  बही 28 उप स्वास्थ्य केंद्र सिमरिया, गोरखपुर, आलीबाडा,टिमराबन,थालादिघावन,बीझा,मनकपुर सहित दो दर्जन से अधिक बंद हैं.

यह भी पढ़ें...

एमपी अजब है: गणतंत्र दिवस पर 48 हजार रुपये की मिठाई खा गए स्कूली बच्चे, बिल पर्ची वायरल

5 साल से बंद है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छातेर
यह स्वास्थ्य केंद्र बीते 5 साल से बंद है. ग्रामीण बताते हैं कि यहां पर कभी महिलाओं की डिलीवरी भी होती थी लेकिन आज ये बदहाल पड़ा हुआ है. इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कभी 10-15 गांव के मरीज आते थे. लेकिन अब इसके बंद हो जाने की वजह से ग्रामीणों को इलाज के लिए उदयपुरा या बरेली जाना पड़ता है. जो इनके गांवों से 10 से 15 किमी. दूर पड़ता है.

डॉक्टर विहीन है प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केतोघान
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केतोघान डॉक्टर विहीन है. यहां पर पहले ब्लाक मेडिकल ऑफिसर उदयपुरा पदस्थ थे लेकिन वे उदयपुरा केंद्र पर ही बैठते हैं. यहां पहले डॉ राहुल रघुवंशी भी आते थे लेकिन अब उनको भी उदयपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अटैच कर दिया है. यह स्वास्थ्य केंद्र भी इसके आसपास स्थित 10 से 12 गांवों को इलाज उपलब्ध कराने का एकमात्र माध्यम था लेकिन डॉक्टर के न होने से यहां भी ग्रामीणों को काफी दूर इलाज के लिए जाना पड़ता है.

जहां बैठते थे ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर, वह स्वास्थ्य केंद्र अब बना खंडहर
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुचवाड़ा में एक समय तत्कालीन ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ.एमएल बड़कुर बैठा करते थे. लेकिन आज इसकी हालत खंडहर जैसी हो गई है और यह पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. इस केंद्र से संबंधित ग्रामीणों को भी 20 किलोमीटर दूर उदयपुरा या बरेली स्वास्थ्य केंद्र तक जाना पड़ता है.

पाकिस्तान की जेल में 5 साल कैद रहे खंडवा के राजू की वतन वापसी, मां बोली- इंतजार में तरस गई आंखें…

प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र के रखरखाव के लिए आता है 1 लाख 75 हजार रुपए का फंड
प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रखरखाव और व्यवस्थाओं के लिए एक लाख 75 हजार रुपए का फंड आता है. लेकिन जितनी बड़ी संख्या में रायसेन में स्वास्थ्य केंद्र खंडहर हुए हैं, ऐसे उदाहरण अन्य किसी जिले में देखने को नहीं मिलता है. ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि इन स्वास्थ्य केंद्रों की देखरेख के लिए आने वाले इस फंड को कहा पर खर्च किया जाता रहा है?.

आधा सैकड़ा लोगों की हुई मौत
इन स्वास्थ्य केंद्राें के ठप होने की वजह से इनसे लगे गांवों में बीते तीन साल में आधा सैकड़ा लोगों की मौत इलाज के अभाव में हुई है. कई प्रसूताओं को डिलीवरी के लिए कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. परेशान ग्रामीणों ने स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाली दूर करने कलेक्टर और तहसीलदारों को ज्ञापन भी सौंपे हैं. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री का गृह जिला होने के बावजूद यहां पर स्वास्थ्य सुविधाओं का बहुत बुरा हाल है.

गुना नगरपालिका में पीआईसी की बैठक में हंगामा, प्रोसीडिंग न लिखने पर विपक्षी पार्षद विरोध में धरने पर बैठे

    follow on google news
    follow on whatsapp