MP: लोकसभा चुनाव से पहलेे एक के बाद एक कमलनाथ-दिग्विजय के करीबियों ने क्यों छोड़ दी पार्टी?
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Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों ऐलान हो चूका है और राजनीतिक दल उसकी तैयारी में भी जुट गए हैं, लेकिन मध्य प्रदेश में देश का सबसे पुराना राजनीतिक दल यानि कांग्रेस एक अलग ही चुनौती से निपट रहा है. एमपी में एक के बाद एक नेता कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जा रहे हैं. यह संख्या हज़ारों तक जा पहुंची है जिसके बाद एमपी कांग्रेस में हाहाकार मचा हुआ है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने अभी तक सीटों पर उम्मीदवारों ने नाम भी तय नहीं किये हैं जबकि बीजेपी उम्मीदवारों ने नामांकन भी शुरू कर दिया है. जानिए कैसा रहा एमपी की सियासत में बीता हफ्ता.
सुरेश पचौरी ने दिया बड़ा झटका
कांग्रेस के लिए चिंता की बात इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि कांग्रेस से बीजेपी की तरफ जाने वालों की इस दौड़ में पार्टी के बड़े नेता तो टूट ही रहे हैं, उनके साथ पार्टी संगठन की रीढ़ कहे जाने वाले ब्लॉक स्तर से लेकर जिला और विधानसभा स्तर तक के कार्यकर्ता भी पार्टी छोड़ रहे हैं. पिछले दिनों पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी अपने दर्जन भर समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हुए तो वहीं सोमवार 19 मार्च को ही कमलनाथ के बेहद करीबी माने जाने वाले कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता सैयद जफर ने भी बीजेपी की सदयता ले ली. खुद सीएम मोहन यादव ज्यादातर जॉइनिंग के समय खुद मौजूद रहते हैं.
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पीएम मोदी के विजन से प्रभावित होकर बढ़ रहा बीजेपी का परिवार
मुख्यमंत्री मोहन यादव बता रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक नेता वाली दमदार छवि और उनके विजन से प्रभावित होकर एमपी में बीजेपी का परिवार लगातार बढ़ता जा रहा है. बीजेपी न्यू जॉइनिंग टोली के संयोजक नरोत्तम मिश्रा से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश भाजपा कार्यालय में जनवरी 2024 से लेकर मार्च 2024 तक कांग्रेस के करीब 8 हज़ार नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बीजेपी की सदस्य्ता ली है. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व सांसद, पूर्व विधायकों समेत बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हैं.
1 जनवरी 2024 से 18 मार्च तक भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने वालों के नाम
प्रदेश कार्यालय में शामिल होने वाले प्रमुख नेतागणों की संख्या-8500 से अधिक
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1- श्री सुरेश पचौरी- पूर्व केन्द्रीय मंत्री
2- श्री जगतप्रकाश अन्नू- जबलपुर महापौर
3- श्री शंशाक शेखर सिंह- पूर्व महाविधिवक्ता व कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख
4- श्री राकेश कटारे- विदिशा कांग्रेस जिलाध्यक्ष
5- श्री रूदेश परस्ते- डिंडौरी जिला पंचायत अध्यक्ष
6- श्री सुखराज सिंह- पूर्व एडीजी, पूर्व सूचना आयुक्त
7- श्री गजेन्द्र सिंह राजूखेडी- पूर्व सांसद
8- श्री संजय शुक्ला- पूर्व विधायक
9- श्री विशाल पटेल- पूर्व विधायक
10- श्री अर्जुन पलिया- पूर्व विधायक
11- श्री दिनेश अहिरवार- पूर्व विधायक टीकमगढ़
12- श्री हर्षित गुरू- युवक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष, कांग्रेस प्रदेश महासचिव
13- श्रीमती रजनी बालपाण्डे- पार्ढूना कांग्रेस महिला जिला अध्यक्ष
14- श्रीमती अमिता बागरी- गुन्नौर से समाजवादी पार्टी की विधानसभा प्रत्याशी
15 श्रीमती ममता सिंह सेंगर- महिला कांग्रेस प्रदेश सचिव
16- श्री वीरेन्द्र सिंह राठौर- कांग्रेस के बडवानी जिलाध्यक्ष, पूर्व विधायक
17- श्री ओपी द्विवेदी- सेवानिवृत्त एसडीओ
18- श्री कमलापत आर्य- पूर्व विधायक
19- श्रीमती मंजू कटारे- दमोह जिला पंचायत उपाध्यक्ष
20- श्री नारायण सिंह मीणा- सेवानिवृत्त अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश
21- श्री योगेन्द्र सिंह जौदान बंटी बना- शाजापुर कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष
22- श्रीमती सारिका उपाध्याय- एनसीपी महिला मोर्चा की प्रदेश उपाध्यक्ष
23- श्री अजय सिंह यादव- पिछड़ा वर्ग वित एवं विकास निगम के पूर्व उपाध्यक्ष
24- श्रीमती बाईसाहब यादव- पूर्व विधायक की पत्नी
25- सुश्री एकता ठाकुर- सीहोरा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी
26- श्री अजय सिंह यादव- कांग्रेस मीडिया विभाग के पूर्व उपाध्यक्ष व प्रवक्ता
27- डॉ. वनिता श्रीवास्तव- वरिष्ठ पत्रकार व आईआईटी कानपुर की एलुमनाई
28- श्री वीरेन्द्र बिहारी शुक्ला- पूर्व जिलाध्यक्ष डिंडौरी कांग्रेस
29- श्रीमती अर्चना सिंह - सिंगरौली जिला पंचायत उपाध्यक्ष
30- श्री हटेसिंह पटेल- आंजना समाज के प्रदेश अध्यक्ष, युवक कांग्रेस उज्जैन के पूर्व अध्यक्ष
31- श्री सत्यपाल सिंह पटेल- गोटेगांव से कांग्रेस विधानसभा प्रत्याशी
32- अलग-अलग जिलों के 1 दर्जन से अधिक जनपद अध्यक्ष
33 साहू समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष
34- कमलनाथ के करीबी सय्यद जाफर
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कांग्रेस की सूची में देरी क्यों?
जहां एक तरफ बीजेपी में प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है तो वहीं कांग्रेस ने अभी 10 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे हैं. कांग्रेस को अभी भी 18 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान करना बाकी है. आखिर यह देरी क्यों हो रही है? सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस आलाकमान चाहता है कि सूबे के दिग्गज कांग्रेस नेता लोकसभा का चुनाव लड़ें लेकिन वरिष्ठ नेता पहले ही लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके हैं और इसलिए कांग्रेस बाकी 18 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर पसोपेश में हैं.
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