फग्गन सिंह कुलस्ते का सियासी करियर दांव पर, विधानसभा में मिली करारी हार के बाद क्या बचा पाएंगे सीट?

अमन तिवारी

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केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते
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Mandla Loksabha Seat: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को मतदान किया जाएगा. इस पहले ही चरण मध्य प्रदेश के कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी है. मोदी सरकार में मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी उनमें से एक हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इन्हें विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था. बावजूद इसके पार्टी ने इन्हें एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है. अब देखना होगा कि मोदी लहर में कुलस्ते अपनी सीट बचा पाने में कामयाब होते हैं या फिर नहीं...फिलहाल मंडला लोकसभा सीट का सियासी समीकरण समझते हैं. 

मंडला लोकसभा सीट से प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते को विधानसभा चुनाव के समय भी पार्टी ने निवास विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था. पार्टी सूत्रों की माने तो आलाकमान इन्हें भी मध्यप्रदेश में सेटल करना चाहता था, लेकिन विधानसभा चुनाव में हार के बाद इन्हें एक बार फिर मंडला लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है, लेकिन जानकारों की माने तो कुलस्ते की स्थिति कमजोर मानी जा रही है. इस बार मंडला लोकसभा सीट का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. 

 

आदिवासी मतदाता बाहुल्य सीटों पर मतदान

मध्य प्रदेश की कुछ ही सीटें ऐसी हैं, जहां कांग्रेस को थोड़ी बहुत जीत की उम्मीद है. पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान होना उनमें आदिवासी मतदाताओं की संख्या निर्णायक भूमिका में है. उन्हीं में से एक मंडला लोकसभा सीट है. जहां 57 प्रतिशत आबादी आदिवासी वर्ग की है. यही कारण है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही इस सीट से आदिवासी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. यही कारण है कि मंडला में बीजेपी और कांग्रेस दोनों की मुश्किलें कम नहीं हैं. 

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कांग्रेस का गढ़ बीजेपी में तब्दील

साल 1977 (आपातकाल के बाद) के चुनाव को छोड़ दें तो 1991 तक लोकसभा की इस सीट पर कांग्रेस ने ही बाजी मारी है. यह एक तरह से कांग्रेस का किला माना जाता था. लेकिन अब यह सीट भाजपा का गढ़ बन चुकी है. केंद्रीय मंत्री और पार्टी के प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते मंडला सीट से 1996, 1998, 1999, 2004, 2014 और 2019 में चुनाव जीत चुके हैं. केवल 2009 में कांग्रेस के बसोरी सिंह मसराम से हार का सामना करना पड़ा था. 

कुलस्ते को विधानसभा चुनाव में करना पड़ा था हार का सामना

2023 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हर का सामना करना पड़ा और विधानसभा की इसी हार का मनोवैज्ञानिक दबाव कांग्रेस बना रही है. पहले चरण की जिन सीटों पर चुनाव हो रहा है. उनमें मंडला सीट भी ऐसी सीट है. जहां आदिवासियों की संख्या भी 57% से ज्यादा है. मंडला डिंडोरी सिवनी और नरसिंहपुर जिले की विधानसभाओं को मिलाकर बनी लोकसभा सीट में इस समय आठ विधानसभा सीटों में से 5 सीटें कांग्रेस के पास है. 

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मंडला जिले की तीन विधानसभा सीटों में से बिछिया और निवास विधानसभा सीट कांग्रेस के पास है, जबकि मंडला विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है. डिंडोरी जिले की शाहपुरा विधानसभा सीट भाजपा के पास है और डिंडोरी विधानसभा सीट कांग्रेस के पास है और यहीं से चुने गए कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में फग्गन सिंह कुलस्ते को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.

इस बार फग्गन सिंह कुलस्ते की दिल्ली की राह 2019 की तरह आसान नहीं है. क्योंकि आदिवासी बाहुल्य इलाके में मोदी लहर काम नहीं कर पा रही है. क्योंकि कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को उठा रही यही कारण है कि कुलस्ते का ये चुनाव 2009 की तरह की फंसता नजर आ रहा है. 

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क्या है कांग्रेस के ओमकार मरकाम की स्थिति?

कांग्रेस ने डिंडोरी विधायक ओमकार सिंह मरकाम को अपना उम्मीदवार बनाया है. मरकाम तीसरी बार विधायक बने हैं, उन्होंने 2008, 2013, 2018 और 2023 में जीत दर्ज की है. कुलस्ते की तरह गोंड आदिवासी होने के कारण उनकी लोकप्रियता का ग्राफ ऊपर की ओर बढ़ता दिख रहा है. जानकारों की माने तो इस समय मरकाम अच्छी स्थिति में नजर आ रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि लोगों का कहना है कि कुलस्ते ने अपने कार्यकाल के दौरान केवल अपने परिवार के लोगों को ही आगे किया है. इसी बात का फायदा मरकाम उठा रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मंडला लोकसभा चुनाव से 48.59 फीसदी वोट मिले थे. जबकि यहां कांग्रेस का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 42.15 प्रतिशत वोट शेयर मिला था. 

ऐसा था 2019 का चुनावी परिणाम

2019 के आम चुनाव में मंडला लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार फग्गन सिंह कुलस्ते की जीत हुई थी. उन्हें इस चुनाव में कुल 737266 वोट मिले थे. फग्गन सिंह कुलस्ते के निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के कमल सिंह मरावी रहे थे, जिन्हें इस क्षेत्र के कुल 639592 वोटरों का समर्थन मिला था. इस तरह फग्गन सिंह 97674 वोटों के अंतर से विजयी रहे थे. 2019 के आम चुनाव में मंडला संसदीय क्षेत्र में कुल वोटर 1951267 थे. इसमें महिला वोटरों की कुल संख्या 967907 थी, जबकि पुरुष वोटरों की संख्या 983335 थी.

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