कमलनाथ पर सिंधिया का तंज, ‘ग्वालियर में उनका स्वागत है, पर ध्यान रखें कि वे सिर्फ “अतिथि” हैं’
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MP POLITICAL NEWS: संत रविदास जयंती के मौके पर ग्वालियर-चंबल संभाग में इस समय मध्यप्रदेश की राजनीति के सभी बड़े दिग्गज मौजूद हैं. बीजेपी की विकास यात्रा को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रविवार को ग्वालियर पहुंचे. यहां पर संत रविदास मंदिर में आयोजित कन्या भोज कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए सिंधिया बोले, ‘मालूम चला है कि कमलनाथ भी ग्वालियर आए हुए हैं. वे पहले मुरैना गए थे और शाम को फिर से ग्वालियर लौटेंगे. कमलनाथ इस शहर में “अतिथि” हैं और ग्वालियर का पुराना इतिहास रहा है कि हम लोग अतिथियों का स्वागत करते हैं. इसलिए कमलनाथ का स्वागत होना चाहिए. लेकिन ध्यान रहे उनकाे भी और बाकी सभी को भी कि कमलनाथ सिर्फ “अतिथि” हैं. बाकी समझदार के लिए इशारा काफी है’.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सवाल पर सिंधिया बोले कि ‘जिस पार्टी के लोग अपने लोगों को ही जोड़ने में सक्षम ना हो, वे क्या भारत को जोड़ेंगे. आप लोगों ने देखा होगा कि भारत जोड़ो यात्रा जिस प्रांत से गुजरती, उतने वक्त में सभी लोग एक साथ चलते दिखाई देते लेकिन जैसे ही यात्रा निकली, फिर से सभी बिखर जाते और अलग-अलग हो जाते हैं. ये सच्चाई है उस कांग्रेस पार्टी की और उसके लोगों की’.
संत रविदास को लेकर सिंधिया ने कहा कि ‘इनकी जन्मस्थली काशी है और वहां पर इनका छोटा सा मंदिर होता था. लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां संत रविदास का भव्य मंदिर और प्रागंण बनवाया. प्रधानमंत्री ने सभी समाज के संतों को विश्व पटल पर मान-सम्मान दिलाया है. बाबा साहेब डॉ.भीमराव आंबेडकर को भी विश्व पटल पर सम्मान दिलाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. बीजेपी ही वो पार्टी है, जिसने शोषित, वंचित वर्ग के लिए काम किया है’.
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मीडिया को सब पता है, किसने कितना काम किया है
कांग्रेस के आरोपों पर सिंधिया ने कहा कि ‘लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया को सब पता है कि किस पार्टी ने किस वर्ग के लिए कितना काम किया है. मुझसे क्यों कहलवा रहे हो. उज्जवला योजना, आयुष्मान भारत योजना, हाथ-ठेले वालों के ऋण योजना आदि कई योजनाएं गरीब, वंचित वर्ग के लिए बीजेपी सरकार ने बनाई हैं. कांग्रेस की कथनी-करनी में अंतर है. उन्होंने समाज को बांटकर सिर्फ वाेट बटोरने का काम किया है’.
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