नर्मदा के बीच मची चीख-पुकार, ओंकारेश्वर डैम का पानी छोड़ने से फंसे श्रद्धालु

जय नागड़ा

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Omkareshwar accident Khandwa, MP News, madhya Pradesh, Accident
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Madhya Pradesh: आज ओंकारेश्वर में चीख-पुकार मच गई. नर्मदा नदी के तेज बहाव की वजह से 15-20 लोग मझदार के बीच फंस गए. अचानक बढ़े जल स्तर से लोग घबरा गए और डरकर चिल्लाने लगे. इससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया. आवाज सुनकर मौके पर नाविक पहुंचे. इसके बाद तेज बहाव से लोगों को बचाया गया. डैम का पानी छोड़ने की वजह से ओंकारेश्वर में अक्सर ये स्थिति बन जाती है और कई बार बड़े हादसे हो चुके हैं.

घाट पर पानी कम होने से कुछ लोग सामने की चट्टानों पर चले गए. इसी दौरान ओंकारेश्वर बांध से पानी छोड़ा गया. इससे नदी का जलस्तर न केवल तेजी से बढ़ा, बल्कि उसका प्रवाह भी बहुत तेज़ था. जिसके चलते चट्टानों पर बैठे करीब 15-20 लोग चारों तरफ से पानी से घिर गए. जलस्तर तेजी से बढ़ने से उनके डूबने का खतरा मंडराने लगा. तब चीख -पुकार मची तो घाट पर तैनात नाविकों न तत्परता से उन्हें बचाया.

अचानक बढ़ा पानी
आज सुबह 10:30 बजे के करीब ओम्कारेश्वर के नागर घाट पर 50 हजार से अधिक श्रद्धालू स्नान करने पहुंचे थे. तब नर्मदा नदी के घाटों पर पानी नहीं था. इसीलिए कुछ लोग बीच में चट्टान पर जाकर स्नान करने लगे. इसी दौरान ओम्कारेश्वर बांध से पानी छोड़े जाने का सायरन भी बजा, जिससे स्थानीय लोग तो अलर्ट होकर किनारे आ गए, लेकिन बाहरी श्रद्धालु इसके संकेत समझ नहीं सके.  जब अचानक नदी में प्रवाह और जलस्तर बढ़ा, तब उन्हें समझ आया कि वे बड़ी परेशानी में घिर गए हैं. इसके बाद खूब चीख -पुकार मची.

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नाविकों ने बचाई जान
नर्मदा नदी के तेज बहाव में फंसे लोगों को इतने बड़े हादसे का अंदाजा नहीं था. इसके बाद जब पानी अचानक बढ़ने लगा तो लोग डर गए. और बचाने के लिए आवाज लगाने लगे. इसके बाद घाट पर बैठे नाविक उनकी सहायता के लिए पहुंचे. नाविकों ने रस्सी बांधकर उन्हें नावों तक सुरक्षित पहुंचाया. आठ-दस नाविकों ने एक बार में 11 लोगों को और दूसरी बार में 8 लोगों का रेस्क्यू किया गया. नाविकों ने तेज बहाव के बावजूद अपनी जान हथेली पर रखकर सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया.

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डैम का पानी छोड़ने से हादसे का खतरा
ओंकारेश्वर में अचानक डेम से पानी छोड़े जाने से अक्सर यह स्थिति बन जाती है. इस वजह से यहां कई बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. बांध प्रबंधन जब विद्युत उत्पादन शुरू करने के लिए टरबाइन से पानी छोड़ता है, तब सायरन बजाकर अपनी जिम्मदारी से मुक्त हो जाता है. इस सायरन के खतरे को स्थानीय लोग तो समझते हैं, लेकिन बाहर से आने वाले श्रद्धालु इसके मायने ही नहीं समझ पाते हैं. एक दिक्कत यह भी है कि डेम से बजने वाला सायरन ज्यादा दूर तक सुनाई ही नहीं देता है. यहां प्रशासन ने लगातार लाउड स्पीकर से एनाउंसमेंट की कोई व्यवस्था ही नहीं रखी है.

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लोगों ने सायरन को किया अनसुना
पुनासा एसडीएम चंदरसिंह का कहना है कि आज सुबह महाराष्ट्र के 25 -30 श्रद्धालु नागर घाट पर चट्टानों पर फंस गए थे. डेम में टरबाइन रेगुलर रूप से चल रही थी , सायरन भी बज रहा था , इन श्रद्धालुओं को लोगों ने समझाया भी, लेकिन वे ज्यादा आगे चले गए थे. फिर उन्हें तत्काल रेस्क्यू किया गया. समय पर सभी को निकाल लिया गया किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई.

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