आंबेडकर की जन्मस्थली पर तीसरा मोर्चा आया एक साथ, बीजेपी-कांग्रेस को मिलेगी 123 सीटों पर चुनौती

MP POLITICAL NEWS: डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती के अवसर पर मध्यप्रदेश में तीसरा मोर्चा तैयार होता दिखा. आंबेडकर की जन्मस्थली महू में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद तीनों ही एक साथ आंबेडकर की जन्मस्थली पहुंचे और उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर […]

Dr. Bhimrao Ambedkar Indore News Akhilesh Yadav Chandrashekhar Azad mp assembly election 2023
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MP POLITICAL NEWS: डॉ. भीमराव आंबेडकर जयंती के अवसर पर मध्यप्रदेश में तीसरा मोर्चा तैयार होता दिखा. आंबेडकर की जन्मस्थली महू में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद तीनों ही एक साथ आंबेडकर की जन्मस्थली पहुंचे और उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण कर उनको याद किया. इस दौरान तीनों ने आंबेडकर के विचारों पर चलने की बातें कीं. लेकिन असल में तीनों ने एक साथ आकर मप्र में तीसरे मोर्चे के रूप में चुनाव लड़ने के संकेत दे दिए हैं. बीजेपी-कांग्रेस को इस तीसरे मोर्चे ने कुल 123 सीटों पर चुनौती देने की तैयारी कर ली है.

मीडिया ने जब भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद से तीसरे मोर्चे के रूप में चुनाव लड़ने के बारे में पूछा तो उन्होंने इशारों में इस बात के संकेत दिए तो वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मध्यप्रदेश में तीसरा मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ने को लेकर अपनी रजामंदी व्यक्त की. आखिर तीसरा मोर्चा किस तरह से बीजेपी-कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकता है, उसके लिए सीटों के गणित पर एक नजर डालनी होगी.

मप्र में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं, जिनमें से 35 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इन 35 सीटों के अलावा 41 ऐसी सामान्य सीटें हैं, जहां पर एससी वर्ग के वोटर निर्णायक भूमिका में हैं. अनुसूचित जाति वर्ग का वोट ही मध्यप्रदेश में तकरीबन 15.6 फीसदी है. वहीं एसटी वर्ग के लिए 47 सीटें आरक्षित हैं. इस प्रकार 123 सीटें हैं जहां पर बीजेपी-कांग्रेस को सीधे तौर पर तीसरे मोर्चे से सीधी टक्कर मिलेगी. उल्लेखनीय है कि 2003 से लेकर 2013 तक हुए विधानसभा चुनावों में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित 35 सीटों में से अधिकतर सीटें बीजेपी को मिलती रही हैं और कांग्रेस को 5 से 7 सीटों से ही संतोष करना पड़ता था. लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में इन 35 आरक्षित सीटों में से 18 सीटें बीजेपी को तो वहीं कांग्रेस को भी 17 सीटें मिली थी. मुकाबला लगभग बराबरी का रहा था.

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मप्र के किस हिस्से में एससी वर्ग के लिए कितनी सीटें हैं आरक्षित
आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में ग्वालियर-चंबल संभाग की 34 सीटों में से अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 7 सीटें आरक्षित हैं. इसी तरह मालवा-निमाड़ और नर्मदापुरम की 98 सीटों में से 13 सीटें, महाकौशल की 38 सीटों में से 4 सीटे, विंध्य प्रदेश की 31 सीटों में से 4 सीटें और बुंदेलखंड की  29 सीटों में से 5 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं. जाहिर है कि मप्र की सत्ता में आने के लिए हर पार्टी को अनुसूचित जाति वर्ग के इस बड़े वोट बैंक को साधना ही होगा और उनको साधने के लिए इस वक्त सभी पार्टियां और उनके दिग्गज नेता खुद को आंबेडकर के ज्यादा करीब दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी कोशिश के चलते सपा प्रमुख अखिलेश यादव, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी एक साथ नजर आए. इनके साथ में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी साथ आने के संकेत दे दिए हैं.

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