कैसे हटी थी कश्मीर से धारा 370? पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने खोला राज; बोले- मैं ढोल नहीं पीटता
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MP News: गोवर्धन पीठ पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने ग्वालियर में हुई धर्मसभा में एक युवक के सवाल पर बहुत बड़े रहस्य से पर्दा उठा दिया. शंकराचार्य ने धर्म सभा में बड़ा रहस्योद्घाटन करते हुए कश्मीर से धारा-370 हटाने की पूरी कहानी बताई. शंकराचार्य ने बताया, “जब पुरी पीठ पर अमित शाह आये थे तो उस समय हमने उनसे कहा था कि धारा 370 निरस्त होना चाहिए, तो गृहमंत्री चौंक गए थे (शंकराचार्य ने हाथों को हिलाकर इशारे से बताया कि कैसे अमित शाह चौकें थे.) और एक दिन ऐसा आया कि उन्हीं को आगे बढ़कर 370 धारा निरस्त करनी पड़ी.”
शंकराचार्य ने तीखे लहजे में कहा- कोई प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री बताइए जो शंकरचार्य की गद्दी को सुरक्षित रखना चाहते हों, धर्मिक आध्यत्मिक क्षेत्र का नेतृत्व अपने हाथ में न लेना चाहते हों. फिर भी हम सुरक्षित हैं. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग जब तक शंकराचार्यों पर लांछन नहीं लगा लेते, तब तक रोटी नहीं पचती है.
शंकराचार्य निकम्मे नहीं होते: पुरी पीठाधीश्वर
आपको क्या लगता है कि शंकराचार्य निकम्मे हैं. ऐसे ही मठ मंदिर में पड़े रहते हैं. आपको पता है कि धारा 370 क्यों हटी, कैसे हटी? मैं अपने मुंह से अपनी तारीफ नहीं करता हूं और डोल नहीं पीटना चाहता. लेकिन फिर भी बता रहा हूं, जब सवाल आ गया है… “जब पुरी पीठ पर देवी प्रतिष्ठा हो रही थी, उस समय अमित शाह आये थे. उस समय हमने कहा था कि धारा 370 निरस्त होना चाहिए तब वह चौंक गए थे. और फिर एक दिन ऐसा आया कि उनकी सरकार में वह आगे आए और कश्मीर में धारा 370 निरस्त करवाई.”
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शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने कहा- ‘आप लोगों को पता है कि आज भारत सुरक्षित है, उसमें शंकराचार्य की भी भूमिका है. आज आप जो हिंदुओं के रूप में सुरक्षित हैं न वह शंकराचार्यों की ही देन है, इसी कारण आप सुरक्षित हैं. शंकराचार्यों के कारण ही आज आप ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य होकर सुरक्षित हैं. हम किसी के मोहताज थोड़े ही हैं, हम को जो करना है वो कर ही देंगें ओर कर ही रहे हैं. कोई राजनेता बताइए जो राजनीति की परिभाषा दे सके.’
पंडित धीरेंद्र शास्त्री की तारीफ की…
ग्वालियर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने पत्रकारवार्ता में बागेश्वर धाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों को लेकर पूछे गए सवाल पर उनकी तारीफ की. शंकराचार्य ने कहा- मैं किसी व्यक्ति की जीवनी नहीं पढ़ता हूं लेकिन मैंने सुना है कि हिंदुओं को भटकने से बचाने वाले वो हैं. है. उन्होंने कहा कि मैं गुरुग्रंथ और गोविंद की कृपा से बोलता हूं. दर्शन और विज्ञान में सामंजस्य बैठाकर बोलता हूं. किसी पर कटाक्ष नहीं करता और कहीं भी मेरा विरोध नहीं है. अगर कोई संत या महात्मा का द्वेष के कारण विरोध करता है तो वह विरोध कोई महत्व नहीं रखता.
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पूरी खबर यहां पढ़ें: पं. धीरेंद्र शास्त्री के चमत्कारों के सवाल पर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने दिया चौंकाने वाला जवाब
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