सतना की अनूठी शादी चर्चा में, 75 साल के दूल्हे ने 65 साल की दुल्हन से रचाया ब्याह

Satna News: सतना में मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना में एक अनोखी शादी भी हुई. यूं तो जिले के प्रत्येक ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना के तहत कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. मगर यह अनोखा और चर्चित मामला रामनगर जनपद का है. जनपद कार्यालय के आजाद मैदान में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में […]

Satna News, OMG unique Marriage
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Satna News: सतना में मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना में एक अनोखी शादी भी हुई. यूं तो जिले के प्रत्येक ब्लॉक में मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह योजना के तहत कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. मगर यह अनोखा और चर्चित मामला रामनगर जनपद का है. जनपद कार्यालय के आजाद मैदान में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में कुल 135 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे.

इस आयोजन में सबसे चर्चित जोडी थी. 65 साल की दुल्हन मोहनिया बाई और 75 साल के दूल्हा भगवानदीन सिंह गोड़ दोनों बुजुर्ग जोड़े ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए और शादी के पवित्र रिश्ते में बंधे. इस अनोखे ब्याह के साक्षी मप्र शासन के राज्यमंत्री रामखेलावन पटेल स्वयं बने. 

गोद मे उठाकर बुजुर्ग दूल्हे को ले जाते हुए।
गोद मे उठाकर बुजुर्ग दूल्हे को ले जाते हुए।

10 सालों से थे लिव-इन में
दोनों बुजुर्ग बीते करीब 10 सालों से लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे थे. दरअसल, मोहनिया ने जहां शादी नहीं की थी तो वहीं भगवानदीन सिंह गोड़ की पत्नी 10 बरस पहले चल बसी थी. तब से दोनों साथ रह रहे थे. भगवानदीन एक पैर से जन्मजात दिव्यांग हैं. पहली पत्नी से उन्हें कोई औलाद भी नहीं है. जाहिर है, उम्र के इस नाजुक पड़ाव में दोनों बुजुर्ग एक दूसरे के बुढ़ापे की लाठी बनेंगे.

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सरकार की तरफ़ से मिला गृहस्थी का सामान
गौरतलब है कि सरकार प्रत्येक जोड़े को नकद राशि समेत गृहस्थी का सामान उपलब्ध कराती है. एक जोड़े पर 51 हजार रुपए खर्च किए जाने का प्रावधान है. इस राशि में टेंट-शामियाना, खाना के एवज में 6 हजार रुपए की कटौती हो जाती है जबकि 34 हजार रुपए के सामान के साथ 11 हजार रुपए का चेक दिया गया. सामान में सिंदूरदान, चांदी का मांग टीका, पायल, बिछिया, मंगलसूत्र, आलमारी, सिलाई मशीन, पलंग, रेडियो, कुकर, टेबिल फैन, रजाई गद्दा-तकिया, 12 कुर्सियां, 1 दीवार घड़ी शामिल है. अब जानकार इस योजना के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं, क्योंकि यह योजना कन्याओं के लिए है न कि बुजुर्गों के लिए.

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