पंकज चौधरी का नाम यूपी BJP अध्यक्ष के लिए लगभग फाइनल! क्या है इसके पीछे का सियासी गणित!
उत्तर प्रदेश भाजपा को जल्द नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है. केंद्रीय मंत्री और सात बार के सांसद पंकज चौधरी का नाम सबसे आगे है. लखनऊ में आज नामांकन होगा. अगर सिर्फ एक नामांकन होता है और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं होता तो आज ही यह तय हो जाएगा की अध्यक्ष कौन होगा जबकि अध्यक्ष चुनाव का औपचारिक ऐलान बीजेपी रविवार दोपहर 12:00 बजे लखनऊ के एक बड़े सभागार होगा.

उत्तर प्रदेश भाजपा को जल्द ही नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने वाला है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी का नाम लगभग तय माना जा रहा है. हालांकि, औपचारिक घोषणा बाकी है. लखनऊ में आज इसको लेकर काफी गहमागहमी है. आज इसे लेकर सस्पेंस खत्म हो जाएगा और कल यानी रविवार को नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा हो जाएगी.
पंकज चौधरी पूर्वांचल की राजनीति का बड़ा चेहरा हैं. वह गोरखपुर से सटे महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र से लगातार सात बार सांसद चुने जा चुके हैं. 2021 से वह केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री हैं और संगठन व सरकार, दोनों में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है.
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कुर्मी समुदाय से मजबूत कनेक्शन
पंकज चौधरी ओबीसी के कुर्मी वर्ग से आते हैं. वह 2021 से मोदी सरकार में मंत्री हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी निकटता जगजाहिर है. दो साल पहले गोरखपुर दौरे पर मोदी अचानक उनके घर पहुंचे थे.

पंकज चौधरी ने राजनीति की शुरुआत पार्षद से हुई थी. वह गोरखपुर के डिप्टी मेयर भी रहे हैं. 1991 में पहली बार सांसद चुने गए थे. उन्हें अच्छा प्लानर माना जाता है. वह राहत रूह तेल कंपनी के मालिक हैं.
जानकारी के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी समुदाय से ही होगा. इसकी बड़ी वजह आगामी पंचायत और विधानसभा चुनाव हैं. इससे पार्टी पिछड़े वर्ग को साधना चाहती है. पिछड़ा वर्ग, खासकर कुर्मी समाज, यूपी की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है.
कुर्मी वोट बैंक साधने की कोशिश
कुर्मी समाज की आबादी यादवों के बाद सबसे ज्यादा मानी जाती है. हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव में कुर्मी समाज का एक हिस्सा PDA के नाम पर सपा के साथ गया था. भाजपा अब इस वर्ग को दोबारा जोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है.
कुर्मी समाज से अध्यक्ष बनाए जाने के मायने
2024 के लोकसभा चुनाव में 11 कुर्मी सांसद चुने गए हैं. इनमें 3 भाजपा और 7 सपा से चुने गए हैं. कुर्मी समाज की आबादी यादवों के बाद सबसे ज्यादा है. बीजेपी इसे अपना वोट बैंक मानती है. लेकिन लोकसभा चुनाव में कुछ कुर्मी वोट सपा की ओर चले गए. पार्टी अब कुर्मी वोटों को एकजुट रखना चाहती है
पहले भी कुर्मी रहे हैं प्रदेश अध्यक्ष
यूपी भाजपा में इससे पहले भी कुर्मी समाज से 3 बार प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. विनय कटियार, ओम प्रकाश सिंह और स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, अगर पंकज चौधरी का नाम फाइनल होता है तो वह चौथे कुर्मी प्रदेश अध्यक्ष होंगे.
नामांकन के साथ खत्म होगा सस्पेंस!
सूत्रों के मुताबिक, शनिवार को नामांकन प्रक्रिया के दौरान तस्वीर साफ हो जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके प्रस्तावक हो सकते हैं. अगर दूसरा नामांकन नहीं हुआ तो दोपहर तक अध्यक्ष का नाम लगभग तय माना जाएगा.
रेस में और कौन-कौन?
हालांकि चर्चा में केंद्रीय राज्य मंत्री बीएल वर्मा और पूर्व सांसद निरंजन रंजन ज्योति के नाम भी हैं लेकिन संगठन में पंकज चौधरी की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है.
लखनऊ पहुंचेंगे पंकज चौधरी
पंकज चौधरी शनिवार सुबह 11 बजे लखनऊ पहुंचेंगे. इसके बाद दोपहर 2 बजे तक नामांकन होगा. अगर सिर्फ उनका नामांकन होता है तो आज ही फैसला हो सकता है.










