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छतरपुर में प्रशासन के खिलाफ अनोखा प्रदर्शन, ‘अंग्रेजों का गुलाम बनकर खाए कोड़े’. जानें पूरा मामला

लोकेश चौरसिया

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Protest In Chhatarpur: छतरपुर में प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करने का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां धरना या पुतला जलाकर नहीं, बल्कि अंग्रेजों के गुलाम की तरह बनकर प्रदर्शन किया जा रहा है. इतना ही नहीं प्रदर्शन के दौरान युवक को कोड़े मारते हुए ले जाया जा रहा हैं.उसके बदन पर खून के निशान दिखाई दे रहे हैं. ये अनोखा प्रदर्शन करने वाले शख्स का नाम मंजू अग्रवाल है. वह तहसीलदार द्वारा देश की आजादी के पहले के दस्तावेज मांगने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. रैली में उनके साथ कई लोग शामिल थे.

अब तक आपने कई तरह के प्रदर्शन देखे होंगे. कोई हाथ में पोस्टर लेकर प्रदर्शन करता है तो कोई नारेबाजी कर. लेकिन छतरपुर में अनोखे अंदाज में प्रदर्शन किया जा रहा है. इसमें कुछ लोग अंग्रेज बने हुए हैं और एक व्यक्ति गुलाम बनकर उनके कोड़े खा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने इस तरह शहर के मुख्य मार्ग से रैली निकाली और प्रशासन को ज्ञापन सौंपा.

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आजादी के पहले का रिकॉर्ड मांग रही है तहसील
प्रदर्शनकारी मंजू अग्रवाल के मुताबिक छतरपुर तहसील में नामंत्रण के नाम पर बहुत पुराना रिकॉर्ड मांगा जा रहा है. इतना पुराना रिकॉर्ड, जब हमारा देश आजाद नहीं हुआ था. तहसीलदार देश की आजादी से पहले यानी कि सन् 1943-44 का रिकॉर्ड मांग रही है. प्रदर्शनकारी का कहना है कि उस समय अधिकांश भूमि शासकीय थी तो उस भूमि का प्राइवेट रिकॉर्ड कैसे मिल सकता है. भूमि का रिकॉर्ड शासकीय होने के कारण नामांतरण नहीं हो पा रहा है, इसीलिए वे तहसील के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

नियम के मुताबिक हो रहा है कार्य
इस मामले को लेकर छतरपुर के नायब तहसीलदार अभिनव शर्मा का कहना है कि मंजू अग्रवाल द्वारा एक आवेदन दिया गया है. जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि नामंत्रण को लेकर आजादी के पहले का रिकॉर्ड मांगा जा रहा है, जो कि नियम अनुसार कार्य किया जा रहा है. फिर भी यह आवेदन वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष रखा जाएगा और अधिकारी जो आदेश करेंगे उसका पालन किया जाएगा.

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