MP Dry Day: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती लगातार मध्यप्रदेश में शराब ब्रिकी का खुले आम विरोध करती हुई देखी गई हैं. है, लेकिन ठेकेदारों व अधिकारियों की मिली भगत का नजारा अशोकनगर जिले में देखने मिल रहा है. मध्य प्रदेश में 26 जनवरी पर ड्राय डे होने के बाद भी खुले आम शराब बेची गई. इसका खुलासा एमपी तक की पड़ताल में हुआ. इससे आबकारी विभाग की लापरवाही साफ देखने को मिली. विभाग ने जिस शराब दुकान को सील किया था, उसी दुकान से खुले आम शराब बेची जा रही थी. वह भी बस स्टैंड पर बने प्रतीक्षालय में शराब रखकर बेची जा रही थी.
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एमपी तक की टीम ने जब मौके पर जाकर पड़ताल की तो ठेकेदार के कर्मचारी शराब दुकान के बाजू में बने बस यात्री प्रतीक्षालय में शराब बेचते हुए कैमरे में कैद हो गए. ठेकेदार का कर्मचारी अंग्रेजी व देशी दोनों किस्म की शराब खुले में रखकर धड़ल्ले से बेच रहा था. यह पहला मौका नहीं है जब ड्राय डे होने के बाद भी शराब बेची जाती हो कई बार इस तरह की शिकायतें होती हैं लेकिन आबकारी विभाग कभी भी कार्रवाई नही करता है.
ऐसा ही 26 जनवरी शुक्रवार को, जब आबकारी विभाग की अधिकारी त्रिंबिका शर्मा को कई बार एमपी तक की टीम ने कॉल कर मामले के बारे में पूछताछ करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव ही नहीं किया, लेकिन व्हाट्सएप पर भेजी गई वीडियो को आबकारी अधिकारी ने देख तो लिया पर कोई जवाब नहीं दिया. इससे स्पष्ट हो जाता है कि आबकारी विभाग के अधिकारियों की इसमें मिलीभगत है.
उमा भारती करती रही हैं शराब का विरोध
उमा भारती शराबबंदी को लेकर लगातार राज्य की शिवराज सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं. उन्होंने प्रदेश में कई जगह इसे लेकर कार्रवाई भी है. राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मिलकर नई शराब नीति को लागू करने पर भी चर्चा कर चुकी हैं. उमा भारती अपने बयानों से कई बार सरकार को घेर चुकी हैं. हालांकि वह साफ कहती हैं कि उनकी दुश्मनी सरकार से नहीं, बल्कि शराब से है.
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