खजुराहो में वीडी शर्मा को घेरने की कर ली बड़ी प्लानिंग, कांग्रेस और सपा के इस दांव से पलट सकती है बाजी!

दीपक शर्मा

13 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 13 2024 4:19 PM)

खजुराहो लोकसभा सीट पर कांग्रेस का खाता बीते 25 साल से नहीं खुला है. इस बार भी ये सीट इंडिया गठबंधन के तहत सपा को दे दी गई थी लेकिन सपा उम्मीदवार का नामांकन खारिज होने के बाद अब दोनों पार्टी मिलकर बीजेपी के वीडी शर्मा को रोकने बड़ी प्लानिंग कर रहे हैं.

Khajuraho Lok Sabha seat, VD Sharma, Congress

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Khajuraho Lok Sabha seat: खजुराहो लोकसभा सीट पर इस बार चुनाव फंस गया है. कांग्रेस का इस सीट पर बीते 25 साल से खाता नहीं खुला है. इस बार भी ये सीट इंडिया गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी को दे दी गई थी. लेकिन सपा उम्मीदवार मीरा यादव का नामांकन तकनीकी कारणों के आधार पर खारिज कर दिया गया और अब मैदान में बचे 14 निर्दलीय और छोटी पार्टियों के प्रत्याशी. ऐसे में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी मिलकर बीजेपी के वीडी शर्मा को रोकने बड़ी प्लानिंग कर रहे हैं.

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लेकिन कांग्रेस और सपा तो सीधे तौर पर यहां चुनाव लड़ेंगे नहीं. ऐसे में दोनों पार्टियों का संयुक्त निर्णय है कि जो निर्दलीय या छोटी पार्टी के प्रत्याशी शेष रह गए हैं, इनमें से किसी एक को इंडिया गठबंधन समर्थन दे देगा. ऐसे में बीजेपी के कद्दावर नेता और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को रोकने के लिए इंडिया गठबंधन पूरी ताकत के साथ किसी एक प्रत्याशी के पीछे खड़ा हो जाएगा.

इसे लेकर बहुत कुछ तय भी हो चुका है. बस नाम का ऐलान होना बाकी है. इंडिया गठबंधन प्रयास कर रहा है कि जिस नाम को वे समर्थन दें, वो हर हाल में बीजेपी के खिलाफ अंत तक खड़ा रहे. इसे लेकर कांग्रेस और सपा की लीडरशिप लगातार बातचीत कर रही है और किसी एक नाम को लेकर दोनों पार्टियां एक राय होने की कोशिश कर रही हैं.

25 साल पहले इस सीट पर कांग्रेस के सत्यव्रत चतुर्वेदी जीते थे, उसके बाद से बीजेपी

खजुराहो लोकसभा सीट के अंतर्गत तीन जिले आते हैं. जिसमें पन्ना,कटनी और छतरपुर शामिल है. खजुराहो लोकसभा सीट 1957 में अस्तित्व में आई थी, तब से लेकर अब तक हुए लोकसभा चुनावों में ज्यादातर कांग्रेस और भाजपा के बीच संघर्ष रहा है.1989 में मध्यप्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती भी खजुराहो से चुनाव जीत चुकी है. वहीं 1999 में कांग्रेस सत्यव्रत चतुर्वेदी के रूप में आखरी बार चुनाव जीती थी. फिर 2004 में रामकृष्ण कुसमरिया के रूप में भाजपा की जीत हुई तो फिर अब तक सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी का परचम यहां लहराता आया है. 

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इस संसदीय क्षेत्र में इन तीनो जिलों की कुल आठ विधानसभा सीटें समाई हुई हैं. जिसमें पन्ना जिले की सभी तीन विधानसभा पन्ना,पवई एवं गुनौर विधानसभा सामिल हैं. वही छतरपुर जिले की राजनगर एवं चंदला और कटनी जिले की मुंडवारा, विजय राघवगढ़ और बहोरीबंद विधानसभा शामिल है. खजुराहो लोकसभा में कुल 19 लाख 83 हजार 665 से अधिक  मतदाता अपने मत का प्रयोग करते हैं. जिसमें 10 लाख 39 हजार 999 पुरुष मतदाता एवं 9 लाख 43 हजार 634 महिला मतदाता शामिल हैं.

पिछले चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीते थे वीडी शर्मा

खजुराहो लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने पार्टी प्रदेशाध्यक्ष और सांसद वीडी शर्मा को एक बार फिर मैदान में उतारा है. वीडी शर्मा ने पिछले लोकसभा चुनाव में करीब पाच लाख मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी कविता सिंह को हराया था. इस बार वह रिकॉर्ड मतों से जीतकर भारत में इतिहास बनाने के संकल्प को लेकर मैदान में उतरे हैं. खजुराहो लोकसभा सीट पर इस बार कांग्रेस पार्टी ने अपने सहयोगी दल सपा के लिए सीट छोडी थी, लेकिन सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन पूर्ण ना होने से रहस्यमय तरीके से निरस्त हो गया. अब यहां से 14 प्रत्याशी मैदान में हैं. देखना होगा कांग्रेस गठबंधन अब किसे समर्थन दे पाता है. यहां एक रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है.

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