Kumar Vishwas News: उज्जैन में चल रही कुमार विश्वास की राम कथा में उनके एक बयान से हंगामा खड़ा हो गया. बीते मंगलवार को उन्होंने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) को अनपढ़ और वामपंथियों को कुपढ़ कह दिया. बीजेपी ने इसका कड़ा विरोध किया है. कुमार विश्वास ने यह बात राम के समय और बजट की बात करते-करते कुमार कहीं. उनकी इस बात पर बीजेपी द्वारा विरोध प्रदर्शन करते हुए आज उनके कार्यक्रम के पोस्टरों को फाड़ा गया. नगर निगम पूर्व अध्यक्ष सोनू गहलोत ने कहा कि उन्हें अपनी इस टिप्पणी के लिए माफी मांगनी होगी. यदि माफी नहीं मांगी जाएगी तो आगे के 2 दिन उनके कार्यक्रम को यहां रोक दिया जाएगा.
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जब कुमार विश्वास यह बोल रहे थे तो उन्हें सुनने वालों में भाजपा सरकार में संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर, शिक्षा मंत्री मोहन यादव, सांसद और अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
हालांकि विवाद बढ़ने पर कुमार विश्वास ने एक वीडियो जारी कर मामले में सफाई दी है. उन्होंने कहाकि ‘कथा प्रसंग में मेरे कार्यालय में कार्य करने वाले बालक के बारे में मैंने टिप्पणी की जो संयोग से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में कार्य करता है. पढ़ता काम ही बोलता जाता है, मैंने उसे कहा कि तुम पढ़ते नहीं वामपंथी कूपढ़ है और तुम अनपढ़ हो सिर्फ इतनी सी बात मैंने कहीं और इसे कुछ विघ्न संतोषियों ज्यादा फैला दिया. आज मुझे कुछ समाचार मिले कुछ मित्रों ने कहा कि हम इस कथा को भंग करेंगे तो आप लोग यह सोचिए. राम की कथा को कौन भंग करता है. मैं उज्जैन के सभी भक्तों से अनुरोध करता हूं कि वहां पर पहुंचे और वहां पर मैं जो बोल रहा हूं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘उसका अर्थ उस तरह से लगाए जिस तरह से मैं बोल रहा हूं. यदि आप नया कैसे समझेंगे तो उसके लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं. आपकी इस सामान्य बुद्धि में यदि है प्रसंग किसी और तरीके से चला गया है तो उसके लिए मुझे माफ करें क्षमा करें. 2 घंटे में जो उत्सव धर्मी हो जो अच्छा हो जो मर्यादा पुरुषोत्तम की कथा से नवनीत आ सकता हो उसे लेने की कोशिश करें. आज मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि जिन्होंने भी यह विघ्न असंतोष पैदा किया है. ईश्वर उनकी बुद्धि को भी मलिनता का से दूर करें भगवान से जुड़े.’
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पूर्व नगर निगम अध्यक्ष सोनू गहलोत ने कहा- ‘कुमार विश्वास की इतनी औकात नहीं है कि 100 साल पहले बने संगठन पर वह टिप्पणी कर सके फिर भी कल उज्जैन में जो उसने अनर्गल टिप्पणी की है. हम उसका घोर विरोध करते हैं. चेतावनी देते हैं कि यदि वह इस बात को लेकर माफी नहीं मांगते हैं तो आज और कल जो उसका कार्यक्रम होने वाला है. उस कार्यक्रम को होने नहीं देंगे. पूरे हिंदू समाज में इसको लेकर गहरा आक्रोश है. 100 साल से देश को बनाने में देश को गन्ने में काम कर रहा संगठन है, जिसके हजारों कार्यकर्ताओं ने अपना पूरा जीवन इस देश के लिए दिया है. उस संगठन के बारे में यदि कोई टिप्पणी की है तो यह बर्दाश्त के बाहर है.
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गहलोत ने आगे कहा- ‘कुमार विश्वास 2015 के पहले राम का नाम भी नहीं लेते थे. व्यवसायिक मानसिकता अपनाकर कुमार विश्वास ने भगवान राम पर बोलना शुरू किया. भगवान राम के बारे में बोले रामकथा का वाचन करें. यह एक अच्छी बात है परंतु उसकी आड़ में सांस्कृतिक संगठन के बारे में अनर्गल टिप्पणी करते हैं तो पूरा हिंदू समाज उसे बर्दाश्त नहीं करेगा. बता दें कि उज्जैन में विक्रमोत्सव कार्यक्रम के तहत 21 से 23 फरवरी तक रामकथा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कुमार विश्वास रामकथा सुना रहे हैं.
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