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डिंडौरी की लहरी बाई ऐसा कौन सा काम कर रही हैं, जिसके पीएम मोदी भी हो गए मुरीद?

Lahri Bai Dindori: मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुत जिले डिंडौरी की 27 वर्षीय महिला लहरी बाई कमाल का काम कर रही हैं. लहरी बाई ने अनाज की 150 से अधिक किस्मों के बीजों का संरक्षित किया है. अब उनके इस काम की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है. सीएम शिवराज सिंह चौहान […]
Updated At: Feb 10, 2023 17:45 PM
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डिंडौरी की लहरी बाई मोटे अनाजों को संरक्षित करने का काम कर रही हैं. फोटो- डेविड सूर्या

Lahri Bai Dindori: मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुत जिले डिंडौरी की 27 वर्षीय महिला लहरी बाई कमाल का काम कर रही हैं. लहरी बाई ने अनाज की 150 से अधिक किस्मों के बीजों का संरक्षित किया है. अब उनके इस काम की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी की है. सीएम शिवराज सिंह चौहान तो सराहना कर ही चुके हैं. लहरी बाई मोटे अनाजों को संरक्षित करने काम कर रही हैं, वह भी अपने खुद के जुटाए संसाधनों से. बता दें कि पीएम मोदी की अपील पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस साल को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट ईयर घोषित किया है.

डिंडौरी जिले में मोटे अनाज का बीज बैंक चलाने वाली लहरी बाई, जिनके सराहनीय काम के मुरीद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हो गए है. पीएम ने लहरी बाई के एक वीडियो को रीट्वीट करते हुए लहरी बाई को लोगों की प्रेरणा बताया है..और लिखा की लहरी बाई पर गर्व है. श्री अन्न के प्रति उल्लेखनीय उत्साह दिखाया है. उनके प्रयास कई अन्य लोगों को प्रेरित करेंगे.

बता दें कि डिंडौरी जिले के सिलपीड़ी गांव में रहने वाली 27 साल की लहरी बाई करीब एक दशक से मिलेट्स यानि मोटा अनाज का बैंक चला रही हैं. उनके छोटे से घर में 30 से ज्यादा किस्म के मोटे अनाज के बीज है. उनके बीज बैंक में ऐसे भी बीज है अब खेतों से गायब हो गए है.

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मोटे अनाज के दुर्लभ बीजों का किया संग्रहण
लहरी बाई ने अपने कमरे में दुर्लभ बीजों को सहज कर रखा है. उनके छोटे से घर में 30 से ज्यादा किस्म के मोटे अनाज के बीज हैं. वो गांव-गांव घूमकर बीजों को जुटाती है. इन बीजों को अपने तक सीमित रखने की बजाय लहरी इसे फ्री में इलाके के लोगों में बांट भी रही हैं, ताकि दोबारा लोग मोटे अनाज की खेती की ओर लौटें.

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संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस साल को मिलेट्स ईयर घोषित किया
बता दें कि प्रधाममंत्री मोदी की अपील पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस साल को मिलेट्स ईयर घोषित कर दिया है..अब भारत दुनिया में मिलेट्स यानि मोटा अनाज के उत्पादन की अगुवाई कर सकता है और मध्यप्रदेश की भूमिका इसमें महत्वपूर्ण हो सकती है.. 16 जनवरी को कलेक्टर विकास मिश्रा ने लहरी बाई को कलेक्ट्रेट बुलाकर अधिकारियों के सामने सम्मानित भी किया था..और पोस्टर बैनर में लहरी बाई का फोटो लगाने के निर्देश भी कृषि विभाग को दिए थे.

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