MP Lok Sabha Election Phase 2 Voting: होशंगाबाद लोकसभा में वोटिंग के दौरान यहां हो गया हंगामा, जानें पूरा मामला?
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MP Lok Sabha Elections Phase 2: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान आज शुरू हो चुका है. मध्यप्रदेश की 6 सीटों सतना, रीवा, दमोह, खजुराहो, टीकमगढ़ और होशंगाबाद पर वोटिंग हो रही है. मतदान सुबह 7 बजे से शुरू हुआ जो शाम 6 बजे तक चलेगा. सेकंड फेज की इन 6 सीटों पर 1 करोड़ 11 लाख 62 हजार 460 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे. नर्मदापुरम के सिवनी मालवा में पुलिस और बीएलओ के बीच बहस हो गई.
जानकारी के मुताबिक सिवनी मालवा मतदान केंद्र 77 पर बीएलओ तथा पुलिसकर्मियों के बीच हुई बहस का मामला सामने आया है. यहां पुलिसकर्मियों ने बीएलओ को मतदान केंद्र से 100 मीटर दूर बैठने का कहा जिस पर बीएलओ और पुलिस के बीच बहस हो गई. जिसके बाद वहां मौजूद अधिकारियों ने तुरंत इस मामले को शांत कराया है. फिलहाल पुलिस और अधिकारियों के बीच बातचीत जारी है.
होशंगाबाद लोकसभा सीट पर की बात करें तो इस समय वोटिंग वूथों पर ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिल पा रही है. पिछले चरण मध्य प्रदेश में करीब 5 प्रतिशत कम वोटिंग दर्ज की गई थी.
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होशंगाबाद लोकसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ मानी जाता है. यही कारण है कि इस सीट पर कई दिग्गज मैदान में उतरते रहते हैं. इस सीट पर पहले 2 पूर्व मुख्यमंत्री भी अपनी किश्मत आजमा चुके हैं. जिनमें से एक के हाथ हार तो एक के हाथ जीत लगी थी.
क्या है होशंगाबाद सीट का इतिहास
होशंगाबाद लोकसभा सीट देश के पहले आम चुनावों से ही अस्तित्व में आ गई थी. 1951 के पहले चुनाव में कांग्रेस के सैयद अहमद ने यहां से जीत दर्ज की थी, जबकि 1952 में इस सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के एचवी कामथ चुनाव जीते थे. 1957 में कांग्रेस ने यहां जोरदार वापसी की थी. लेकिन ये वापसी अगले चुनाव यानि कि 1962 में फिर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के हरिविष्णु कामथ के पाले में गई.
यहां से 1967 और 1971 में कांग्रेस प्रत्याशी नीतिराज सिंह लगातार 2 बार जीत हासिल की थी. 1977 में पहली बार इस सीट पर कांग्रेस और प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के बजाय जनता पार्टी ने चुनाव जीता था. तो 1980 और 1984 में कांग्रेस के रामेश्वर नीखरा लगातार दो बार सांसद चुने गए. लेकिन 1989 में बीजेपी के सरताज सिंह ने पहली बार जीत हासिल की और 1999 तक लगातार यहां से चुनाव जीतते रहे. 2009 में लंबे समय बाद कांग्रेस की वापसी हुई, लेकिन 2014 और 2019 में बीजेपी ने यहां से फिर जीत हासिल की थी.
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