Raja Patria Controversy: कांग्रेस नेता राजा पटेरिया आखिरकार ढाई महीने बाद पन्ना जिले की पवई उपजेल से रिहा हो ही गए. वैसे तो उनकी रिहाई 4 मार्च को होना थी, लेकिन जेल प्रशासन ने एक दिन पहले ही देर रात में उनकी रिहाई कर दी. कोर्ट से उनके रिहाई के आदेश बीती शाम को ही पवई उप जेल में पहुंच गए थे. जेल से रिहा होने के बाद कांग्रेस नेता राजा पटेरिया दार्शनिक अंदाज में नजर आए और बोले कि ‘ये जेल नहीं बल्कि एक तरह का शोध संस्थान है और यहां पर लाने के लिए मैं दिल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धन्यवाद देता हूं कि उनके साथ हुए टकराव की वजह से मुझे यहां लाया गया. ये ढाई महीने मेरे जीवन के बहुमूल्य दिनों में से एक रहेंगे’.
दरअसल कांग्रेस नेता राजा पटेरिया ने कुछ महीने पहले एक चुनावी रैली में भाषण दिया था कि देश के लोगों को संविधान को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने के लिए अर्थात उनको चुनाव में हराने के लिए तैयार रहना चाहिए. राजा पटेरिया के इस बयान ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक टकराव पैदा कर दिया था.
बीजेपी नेताओं की शिकायत पर कांग्रेस नेता राजा पटेरिया के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था. पुलिस ने राजा पटेरिया को ग्राम हटा से गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया था, जहां से उनको पवई उप जेल में भेज दिया गया था. इसके बाद उनकी जमानत को लेकर बार-बार न्यायालय में प्रयास किए जा रहे थे और उनकी जमानत याचिका खारिज हो रही थी. लेकिन बीते दिनों उनको जमानत मिल गई थी.
जेल से छूटकर क्या बोले राजा पटेरिया?
कांग्रेस नेता राजा पटेरिया ने कहा कि ‘यह जेल नहीं है बल्कि मैं तो इसे महात्मा गांधी शोध संस्थान नाम दूंगा. जेल से शानदार दूसरी कोई भी जगह नहीं है. धन्यवाद देता हूं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान को, जिनसे हुए टकराव के कारण मैं जेल आया. ये ढाई महीने जीवन भर याद रहेंगे. जेल के अंदर मेरे दिन बहुत शानदार बीते. जेल के अंदर ही हमें सभी एकता दिखाई देती है. जेल के अंदर आते ही जात-पात, धर्म-संप्रदाय सभी तरह के भेद खत्म हो जाते हैं. सभी जातियों और धर्मों के लोग एक साथ खाना बनाते हैं और एक साथ खाते हैं. यहां कोई भेदभाव नहीं होता है. सब बराबर होते हैं. इसलिए मैंने इसे जेल नहीं बल्कि शोध संस्थान कहा है’. राजा पटेरिया ने पीसीसी चीफ कमलनाथ, पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव, राजनीतिक गुरू रघु ठाकुर, जेडीयू के नेता केसी त्यागी, स्व. शरद यादव की पत्नी सहित तमाम कांग्रेस के नेताओं को उनकी खैर-खबर लेने के लिए धन्यवाद दिया. उनके समर्थक उनको लेने जेल के बाहर ही पहुंच गए थे.