Pradyuman Singh Tomar Exclusive: सिंधिया सीएम फेस होंगे या नहीं, इसका फैसला अब BJP पर छोड़ा
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MP Tak interview: मध्यप्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर अक्सर अपने राजनीतिक ताैर-तरीकों के कारण सुर्खियों में रहते हैं. वे मप्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और ऊर्जा मंत्रालय संभालते हैं. लेकिन इनको कभी नाले में उतरते हुए तो कभी बिजली के खंभे पर चढ़कर मेंटेनेंस करते लोगों ने देखा. इनकी पहचान मुख्य रूप से सिंधिया गुट के सबसे वफादार नेता के रूप में अधिक होती है. सिंधिया के सामने दंडवत प्रणाम करने वाले और उनके लिए किसी भी हद तक जाने का दम भरने वाले प्रद्युम्न सिंह तोमर फिलहाल बीजेपी के सामने सरेंडर की मुद्रा में दिखाई दे रहे हैं.
MP Tak ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से जब सीएम पद के लिए सिंधिया की उम्मीदवारी पर सवाल किया तो प्रद्युम्न सिंह तोमर पूरी तरह से बीजेपी पर निर्भर नजर आए. जो बदली हुई राजनीतिक परस्थितियों में सिंधिया गुट की मजबूरी को भी बयां करता है. पढ़िए, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का पूरा इंटरव्यू.
MP Tak– क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे?
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प्रद्युम्न सिंह तोमर– अब इस बात का फैसला हमने बीजेपी पर छोड़ दिया है. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ही इस पर फैसला लेगा. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सीएम की उम्मीदवारी पर जो निर्णय लेगा, उसे हम मंजूर करेंगे.
MP Tak- क्या बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम शिवराज सिंह चौहान के विकल्प के रूप में नहीं देख रही?
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प्रद्युम्न सिंह तोमर- बीजेपी ही इस पर कोई निर्णय ले सकती है. इस पर हम क्या बता दें. हम तो बस यही कहेंगे कि जो बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा, वह हमें मंजूर होगा. हम उस फैसले के साथ खड़े रहेंगे.
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MP Tak- कांग्रेस में भी अब सीएम पद की उम्मीदवारी पर सवाल खड़े होने लगे हैं. आप इसे कैसे देखते हैं?
प्रद्युम्न सिंह तोमर– कांग्रेस एक प्राइवेट लिमिटेड पार्टी बन गई है. जहां पर अलग-अलग सीईओ हैं. जब इनमें से किसी एक सीईओ का लिंक सबसे बड़े सीईओ से मिल जाता है तो वह पावरफुल हो जाता है. वहां ये गुटबाजी चलती रही है और चलती रहेगी. इसी कारण अच्छे-अच्छे लोग कांग्रेस पार्टी को छोड़कर चले गए.
MP Tak– विकास यात्रा के दौरान कई जगह लोगों द्वारा मंत्री-विधायकों का विरोध भी किया जा रहा है?
प्रद्युम्न सिंह तोमर- किस जगह पर हो रहा है विरोध? मुझे तो कहीं पर दिखा नहीं.
MP Tak- मध्यप्रदेश के रायसेन, भोपाल, पन्ना, देवास सहित कई जिलों में विरोध हुआ है. ग्वालियर में भी हुआ है?
प्रद्युम्न सिंह तोमर– मेरी विधानसभा क्षेत्र में तो नहीं हुआ ना. मुझे तो हर जगह लोगों का प्रेम मिला है. मैं सच बताऊं तो मध्यप्रदेश के बाकी हिस्से में क्या हो रहा है, उसे मैं देख भी नहीं रहा हूं. मैं तो अपनी विधानसभा तक सीमित हूं. वहां विकास यात्रा अच्छी चल रही है.
MP Tak- आप मंत्री हैं, निर्देश देकर काम करा सकते हैं. लेकिन आप तो खुद ही नाले साफ करने लगते हैं, बिजली के खंबे पर चढ़ जाते हैं?
प्रद्युम्न सिंह तोमर- मंत्री से पहले मैं इंसान भी हूं. ये सब करके मैं सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को काम करने के लिए प्रोत्साहित करता हूं. मैं जब विपक्ष में था, तब भी ऐसे ही काम करता था और आज सरकार में हूं, तब भी ऐसे ही काम कर रहा हूं. मेरे व्यवहार में चेंज नहीं है.
MP Tak- पब्लिक में तो ये मैसेज जाता है कि मंत्री अपनी ही सरकार में काम नहीं करा पा रहे हैं?
प्रद्युम्न सिंह तोमर– ऐसा कुछ नहीं है. पब्लिक मुझे अच्छे से जानती है. अब यदि घर में सफाई करने वाला नहीं आया या ड्राइवर कार चलाने नहीं आया और आपको कोई जरूरत पड़ी तो आपको खुद ही करना होंगे ना सारे काम. वहीं मैं करके अधिकारी-कर्मचारियों को मैसेज देने की कोशिश करता हूं.
MP Tak– सरकार का मंत्री यदि खुद ही सड़क पर काम करने उतरेगा तो पार्टी की कार्यक्षमता पर सवाल तो उठेंगे?
प्रद्युम्न सिंह तोमर- ऐसा कुछ नहीं है. पार्टी ने कभी मुझे ये सब करने से रोका नहीं है. मैं तो बल्कि संदेश ही दे रहा हूं कि आपका मंत्री जनता के बीच ही खड़ा है.
MP Tak– आपकी इन गतिविधियों से विरोधियों को बीजेपी सरकार पर हमला करने के मौके मिलते हैं?
प्रद्युम्न सिंह तोमर- देखिए, वे विरोधी हैं तो कमियां गिनाएंगे ही. विरोधियों को पता होना चाहिए कि वर्ष 2003 से पहले मध्यप्रदेश की गिनती बीमारू राज्यों में होती थी. हालत बहुत खराब थी इस प्रदेश की.
MP Tak– पर तब तो आप कांग्रेस में थे. अगर मध्यप्रदेश बीमारू था तो आपने तब कुछ क्यों नहीं किया?
प्रद्युम्न सिंह तोमर- हां ये सच है, तब हम कांग्रेस में थे. लेकिन ये भी सच है कि बीजेपी की सरकार आने के बाद ही मध्यप्रदेश का विकास हुआ है. सच तो स्वीकार करना पड़ेगा.
MP Tak- कमलनाथ कहते हैं कि सिंधिया कोई तोप नहीं है. ग्वालियर और मुरैना महापौर सीटें आप लोग सिंधिया के रहते हार गए?
प्रद्युम्न सिंह तोमर– सिंधिया वो तोप थे, जिसकी वजह से 2018 में कमलनाथ की सरकार मध्यप्रदेश में बनी थी. इसी तोप के कारण 2020 में कमलनाथ की सरकार गिरी थी और सच भी यही है कि कमलनाथ अभी भी सिंधिया रूपी इस तोप से भयभीत हैं.
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