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G-20 सम्मेलन में शामिल हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, 3S स्ट्रेटेजी अपनाने पर दिया जोर

धर्मेंद्र कुमार शर्मा

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Jyotiraditya Scindia, G-20 conference, 3S strategy, Indore
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G-20 conference: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने इंदौर पहुंचे. इस दौरान सिंधिया ने देश और प्रदेश में कृषि क्षेत्र में हो रहे सुधारों की सराहना की. जी-20 की बैठक मध्यप्रदेश में होने को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गर्व का विषय बताया. उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए 3S स्ट्रेटजी बनाने पर जोर दिया. केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि जो चर्चाएं की गई हैं, उनके मंथन से जो अमृत निकलेगा उसके आधार पर भारत समेत जी-20 के सभी देश मिलकर विश्व के लिए एक रोड मैप कृषि के क्षेत्र में तैयार करेंगे.

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया G-20 सम्मेलन के दूसरे दिन बैठक में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कृषि को लेकर कई अहम बातें कही. सिंधिया ने कहा कि भारत विश्व में दूध के उत्पादन में नंबर वन है. सब्जी और फल के उत्पादन में विश्व में नंबर दो पर है और अन्न के उत्पादन में भारत विश्व में तीसरे नंबर पर है. उन्होंने कृषि क्षेत्र को लेकर मध्यप्रदेश की उपलब्धियों की भी तारीफ की.

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मध्यप्रदेश में 400 गुना बढ़ा उत्पादन
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कृषि क्षेत्र में मध्यप्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि प्रदेश में पहले लगभग 165 लाख टन का अनाज उत्पादन होता था, उसी मध्य प्रदेश में आज करीब 619 लाख टन का उत्पादन हो रहा है. मतलब 400 गुना की बढ़ोतरी मध्यप्रदेश में आज हुई है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सोयाबीन, दाल और लहसुन के उत्पादन में देश में सबसे सबसे आगे है. सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश दूध का उत्पादन करने वाले टॉप 5 राज्यों में भी शामिल है.

3S स्ट्रेटेजी अपनाने पर दिया जोर
उन्होंने कहा कि पैदावार बढ़ाने के लिए 3S स्ट्रेटेजी (स्मार्ट, सस्टेनेबल और सर्विंग) अपनानी होगी. यानी कि ऐसी स्ट्रेटेजी जो स्मार्ट हो, सस्टेनेवल हो और जो सभी को सर्व कर पाए. केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा की ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कृषि क्षेत्र को स्मार्ट बनाने के लिए किया जा सकता है. ड्रोन के इस्तेमाल से किसानों को सहूलियत हो रही है और साथ ही उत्पादन में भी बढ़ोतरी हो रही है. सस्टेनेबिलिटी के लिए उन्होंने टेक्नोलॉजी और मार्केटिंग को साथ लेकर चलने की बात कही.

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