Agar Malwa News: जिस उम्र में घर के बुजुर्ग आराम करते हैं. उस उम्र में एक बुजुर्ग को अपनी परेशानी सुनाने के लिए महाकाल बाबा के पास जाना पड़ रहा है. बुजुर्ग को शासन द्वारा पट्टे पर मिली दस बीघा जमीन के पास ग्रामीणों द्वारा रोड़ी बना ली है. इससे परेशान बुजुर्ग ने पहले तो शासन के कई बार दरवाजे खटखटाए. मगर वहां से उसे हर बार ही निराशा हाथ लगी. ऐसे मे बुजुर्ग ने आखिरकार 130 किलोमीटर दंडवत करते हुए अपने गांव से उज्जैन महाकाल तक जाने का निर्णय लिया. प्रशासन से उम्मीद खत्म बुजुर्ग की अब आखिरी उम्मीद केवल महाकाल ही है.
ADVERTISEMENT
राजगढ़ जिले के ग्राम जेठली माचलपुर निवासी 65 वर्षीय भेरूलाल ने बताया कि शासन-प्रशासन उसकी शिकायत पर ध्यान नहीं दे रहा है. कई बार वो इसके लिए आवेदन दे चुका है. अब इसलिए वह अपने गांव से करीब 130 किमी दूर महाकाल के दरबार में अर्जी लगाने निकला है. वह यह पूरी यात्रा अकेले ही दंडवत होकर कर रहा है. फिलहाल भेरूलाल 12 दिन में 66 किमी की यात्रा कर शनिवार शाम को आगर मालवा पहुंचे हैं.
कचरा हट जाए तो हो जाएगी परेशानी दूर
फिलहाल भेरूलाल बारह दिन यात्रा पूरी कर चुके हैं. इसमें वे अभी तक 66 किलोमीटर दंडवत यात्रा कर आगर मालवा तक पहुंच चुके हैं. भेरूलाल ने बात करते हुये बताया कि उन्होंने यह यात्रा 25 अप्रैल को अपनी दंडवत यात्रा को शुरु की थी. भेरूलाल की माने तो उसकी जमीन के पास केवल 7-8 ट्राली ही कचरा है. जिसे अगर हटा दिया जाय तो उसकी परेशानी दूर हो जाएगी. मगर केवल इतने कचरे के लिए भी प्रशासन मे उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. कई बार उसने शासन प्रशासन से गुहार लगाई है, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी है. अब उनका कहना है कि हमें आखिरी उम्मीद महाकाल बाबा से ही है. वो ही अब कुछ लीला करेगें जिससे हमारी परेशानी दूर होगी.
कचरा हट जाए तो हो जाएगी परेशानी दूर
फिलहाल भेरूलाल बारह दिन यात्रा पूरी कर चुके हैं. इसमें वे अभी तक 66 किलोमीटर दंडवत यात्रा कर आगर मालवा तक पहुंच चुके हैं. भेरूलाल ने बात करते हुये बताया कि उन्होंने यह यात्रा 25 अप्रैल को अपनी दंडवत यात्रा को शुरु की थी. भेरूलाल की माने तो उसकी जमीन के पास केवल 7-8 ट्राली ही कचरा है. जिसे अगर हटा दिया जाय तो उसकी परेशानी दूर हो जाएगी. मगर केवल इतने कचरे के लिए भी प्रशासन मे उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. कई बार उसने शासन प्रशासन से गुहार लगाई है, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी है. अब उनका कहना है कि हमें आखिरी उम्मीद महाकाल बाबा से ही है. वो ही अब कुछ लीला करेगें जिससे हमारी परेशानी दूर होगी.
कचरा हट जाए तो हो जाएगी परेशानी दूर
फिलहाल भेरूलाल बारह दिन यात्रा पूरी कर चुके हैं. इसमें वे अभी तक 66 किलोमीटर दंडवत यात्रा कर आगर मालवा तक पहुंच चुके हैं. भेरूलाल ने बात करते हुये बताया कि उन्होंने यह यात्रा 25 अप्रैल को अपनी दंडवत यात्रा को शुरु की थी. भेरूलाल की माने तो उसकी जमीन के पास केवल 7-8 ट्राली ही कचरा है. जिसे अगर हटा दिया जाय तो उसकी परेशानी दूर हो जाएगी. मगर केवल इतने कचरे के लिए भी प्रशासन मे उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. कई बार उसने शासन प्रशासन से गुहार लगाई है, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी है. अब उनका कहना है कि हमें आखिरी उम्मीद महाकाल बाबा से ही है. वो ही अब कुछ लीला करेगें जिससे हमारी परेशानी दूर होगी.
ये भी पढ़ें: बदले की आग में जल रही थी मां, मौका मिलते ही अपने बेटे से करवा डाला नरसंहार
ये भी पढ़ें: बदले की आग में जल रही थी मां, मौका मिलते ही अपने बेटे से करवा डाला नरसंहार
Agar Malwa News: जिस उम्र में घर के बुजुर्ग आराम करते हैं. उस उम्र में एक बुजुर्ग को अपनी परेशानी सुनाने के लिए महाकाल बाबा के पास जाना पड़ रहा है. बुजुर्ग को शासन द्वारा पट्टे पर मिली दस बीघा जमीन के पास ग्रामीणों द्वारा रोड़ी बना ली है. इससे परेशान बुजुर्ग ने पहले तो शासन के कई बार दरवाजे खटखटाए. मगर वहां से उसे हर बार ही निराशा हाथ लगी. ऐसे मे बुजुर्ग ने आखिरकार 130 किलोमीटर दंडवत करते हुए अपने गांव से उज्जैन महाकाल तक जाने का निर्णय लिया. प्रशासन से उम्मीद खत्म बुजुर्ग की अब आखिरी उम्मीद केवल महाकाल ही है.
राजगढ़ जिले के ग्राम जेठली माचलपुर निवासी 65 वर्षीय भेरूलाल ने बताया कि शासन-प्रशासन उसकी शिकायत पर ध्यान नहीं दे रहा है. कई बार वो इसके लिए आवेदन दे चुका है. अब इसलिए वह अपने गांव से करीब 130 किमी दूर महाकाल के दरबार में अर्जी लगाने निकला है. वह यह पूरी यात्रा अकेले ही दंडवत होकर कर रहा है. फिलहाल भेरूलाल 12 दिन में 66 किमी की यात्रा कर शनिवार शाम को आगर मालवा पहुंचे हैं.
कचरा हट जाए तो हो जाएगी परेशानी दूर
फिलहाल भेरूलाल बारह दिन यात्रा पूरी कर चुके हैं. इसमें वे अभी तक 66 किलोमीटर दंडवत यात्रा कर आगर मालवा तक पहुंच चुके हैं. भेरूलाल ने बात करते हुये बताया कि उन्होंने यह यात्रा 25 अप्रैल को अपनी दंडवत यात्रा को शुरु की थी. भेरूलाल की माने तो उसकी जमीन के पास केवल 7-8 ट्राली ही कचरा है. जिसे अगर हटा दिया जाय तो उसकी परेशानी दूर हो जाएगी. मगर केवल इतने कचरे के लिए भी प्रशासन मे उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. कई बार उसने शासन प्रशासन से गुहार लगाई है, लेकिन हर बार निराशा ही हाथ लगी है. अब उनका कहना है कि हमें आखिरी उम्मीद महाकाल बाबा से ही है. वो ही अब कुछ लीला करेगें जिससे हमारी परेशानी दूर होगी.
ADVERTISEMENT