MP Board 12th Topper: एक ही स्कूल में पढ़ने वाले गांव के जयंत-कुलदीप ने पूरे MP में किया टॉप, कैसे किया ये कमाल?

मनोज पुरोहित

25 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 25 2024 11:36 AM)

MP Board 12th Topper: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड के एक नहीं दो-दो टॉपर निकले हैं. मजेदार बाद ये है कि दोनों ही छात्र एक ही क्लास में पढ़ने वाले हैं और आर्ट संकाय में प्रदेश में नंबर एक और दूसरी पोजीशन हासिल की है. इन दोनों ने छात्रों के कमाल से इस स्कूल की चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है.

MP Board Topper: शाजापुर के एक स्कूल से निकले दो टॉपर.

mp board topper

follow google news

MP Board 12th Topper: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से करीब 250 किलोमीटर दूर एक छोटा सा कस्बा है कालापीपल. यहां पर एक प्राइवेट स्कूल से मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड रिजल्ट में एक नहीं दो-दो टॉपर निकले हैं. मजेदार बाद ये है कि आर्ट में एक साथ पढ़ने वाले दोनों छात्रों ने एमपी में नंबर एक पोजीशन और दूसरा नंबर हासिल किया है.  

यह भी पढ़ें...

दरअसल, छात्रों ने ये कमाल कालापीपल की प्राइवेट संस्था सहारा पब्लिक स्कूल में पढ़ाई करके किया है. यूं तो यहां पर मेरिट में हर साल बच्चे अपना स्थान बनाते हैं, लेकिन इस बार पूरे प्रदेश में टॉप पोजीशन पर एक ही नहीं दो छात्रों के नाम सामने आने के बाद ये स्कूल पूरे राज्य में चर्चा का विषय बन गया है. दोनों ही छात्र एक ही क्लास में पढ़ाई करते थे, अब दोनों छात्राें ने प्रदेश में टॉप किया और आगे आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं.

एमपी बोर्ड के आर्ट के टॉपर एक ही स्कूल से, सीमित संसाधनों में रहकर पढ़ने वाले गांव के दोनों छात्रों ने एमपी टॉप किया.

दोनों एमपी टॉपर हैं दोस्त, साथ में मिलकर की पढ़ाई

बता दें कि सहारा पब्लिक स्कूल में पढ़ने के लिए बच्चे पिछड़े इलाकों और गांवों से पहुंचते हैं और किराए का घर लेकर स्कूल में दाखिला लेते हैं और अपना भविष्य संवारते हैं. जयंत यादव और कुलदीप मेवाड़ा दोनों इसी स्कूल के छात्र हैं और यहां पर रहकर पढ़ाई की. दोनों ने कई विषयों पर साथ रहकर डिस्कशन किया और जमकर मेहनत की. आज इन्होंने इस स्कूल समेत पूरे जिले को प्रदेश में गौरवान्वित किया है.

जयंत तलेन गांव का रहने वाला है और किराए का मकान लेकर यहां पर पढ़ाई करता था. वह राजगढ़ जिले के तलेन से 40 किमी दूर कालापीपल इस स्कूल में दाखिल लिया और पढ़ाई की. जयंत के पिता छोटे किसान हैं और उनके पास केवल 11 बीघा जमीन है. दो बहनों के बाद परिवार में सबसे छोटे बेटे जयंत ने बताया कि वह अपने चचेरे भाई धनंजय के साथ कालापीपल में रहकर पढ़ाई करता था.

सोशल मीडिया से दूरी रखी, याद करने के लिए अपनाता था ट्रिकी तरीके 

जयंत ने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी और केवल आधा घंटा रिलैक्स होने के समय में सोशल मीडिया पर समय दिया. सफलता के बारे में बताते हुए कहा कि राजनीतिक विज्ञान उसका पसंदीदा विषय है और राजनीति के घटनाक्रम के सीक्वेंस को याद रखने के लिए उसका रोचक तरीका साथी दोस्तों को इतना अच्छा लगता था, सब दोस्त उससे पढ़ने के लिए आते थे. बस दोस्तों की पढ़ाई में मदद की भावना ने जयंत को टॉपर बना दिया. अब आगे यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर देश की सेवा के लिए शासकीय सेवा में जाना जयंत ने अपना मकसद बताया.

 

    follow google newsfollow whatsapp