MP News: आखिरकार संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने स्पष्ट कर दिया है कि देवास की रहने वाली आयशा फातिमा ही असली उम्मीदवार है. जबकि अलीराजपुर की रहने वाली आयशा मकरानी का यूपीएससी की परीक्षा में 184वीं रैंक लाने का दावा गलत और झूठा था. यूपीएससी ने एक प्रेस रिलीज जारी कर इस बात को स्पष्ट किया है.
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यूपीएससी के अनुसार दो व्यक्ति फर्जी तरीके से दावा कर रहे हैं कि यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा, 2022 में सही मायने में अनुशंसित उम्मीदवारों के दो रोल नंबरों के खिलाफ अंतिम रूप से सिफारिश की है. दोनों व्यक्तियों के दावे झूठे हैं. उन्होंने अपने दावों को साबित करने के लिए अपने पक्ष में जाली दस्तावेज बनाए हैं.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने मंगलवार को सिविल सेवा 2022 परीक्षा का परिणाम जारी किया था. लेकिन मध्यप्रदेश में UPSC परिणाम को लेकर हैरान करने वाला मामला सामने आया. दावा किया गया कि एक ही रोल नंबर पर दो लड़कियों ने परीक्षा दी, इंटरव्यू दिया और अब दोनों को 184वीं रैंक आई है. इनमें एक थीं देवास की आयशा फातिमा और दूसरी अलीराजपुर की आयशा मकरानी.
यूपीएससी ने ऐसे किया स्पष्ट कि कौन है असली उम्मीदवार
यूपीएससी के अनुसार आयशा मकरानी पुत्री सलीमुद्दीन मकरानी, जो यूपीएससी द्वारा अपनी अंतिम सिफारिश का दावा कर रही हैं, को उनके पक्ष में जाली दस्तावेजों का पता चला है. उसका वास्तविक रोल नंबर 7805064 है. उसने 5 जून, 2022 को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा में भाग लिया और सामान्य अध्ययन पेपर- I में केवल 22.22 अंक और सामान्य अध्ययन पेपर- II में 21.09 अंक प्राप्त किए. परीक्षा नियमों की आवश्यकता के अनुसार, उन्हें पेपर- II में कम से कम 66 अंक प्राप्त करने की आवश्यकता थी.
वह न केवल पेपर- II में उत्तीर्ण होने में विफल रही है, बल्कि पेपर- I के कट-ऑफ अंकों की तुलना में बहुत कम अंक प्राप्त किए हैं, जो कि वर्ष 2022 की प्रारंभिक परीक्षा के लिए अनारक्षित वर्ग के लिए 88.22 थे. इसलिए आयशा मकरानी का दावा गलत है. प्रारंभिक परीक्षा के चरण में ही और परीक्षा के अगले चरणों में वे आगे नहीं बढ़ सकीं. दूसरी ओर आयशा फातिमा पुत्री नज़ीरुद्दीन, जिनका रोल नंबर 7811744 है, वास्तविक उम्मीदवार हैं, जिन्हें यूपीएससी द्वारा सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के अंतिम परिणाम में 184वां रैंक हासिल करने की सिफारिश की गई है.
यूपीएससी ने बिहार के तुषार को माना असली उम्मीदवार
मध्यप्रदेश के उम्मीदवार के साथ ही एक अन्य उम्मीदवार जिनका नाम तुषार है, उन्होंने भी इसी तरह से समान रैंक लाने का दावा किया था. एक तुषार हरियाणा का था तो दूसरा बिहार का. यूपीएससी ने अपनी जांच में बिहार के तुषार को असली उम्मीदवार माना है और हरियाणा के तुषार को फर्जी उम्मीदवार बताया है.
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