MP Lok Sabha Election phase 2: दूसरे चरण में कम वोटिंग BJP लिए खतरे की घंटी? कॉन्फिडेंस में क्यों आ गए कमलनाथ

एमपी तक

27 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 27 2024 9:52 AM)

Madhya Pradesh Lok Sabha Election 2024 phase 2 Voting: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मध्यप्रदेश में 6 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक शाम 6 बजे तक प्रदेश में सिर्फ 58.35% मतदान हुआ है.  ये आंकड़ा पहले फेज से कम है. कम वोटिंग के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ कॉन्फीडेंस में आ गए हैं. 

MP Lok Sabha Election 2024 phase 2 Voting

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MP Lok Sabha Election 2024 phase 2 Voting: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मध्यप्रदेश में 6 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक शाम 6 बजे तक प्रदेश में सिर्फ 58.35% मतदान हुआ है.  ये आंकड़ा पहले फेज से कम है. सबसे अधिक मतदान होशंगाबाद सीट पर हुआ, वहीं सबसे कम वोटिंग रीवा लोकसभा सीट पर हुई है. कम वोटिंग के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ कॉन्फीडेंस में आ गए हैं. 

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फाइनल मतदान प्रतिशत फिलहाल सामने नहीं आया है, लेकिन निर्वाचन आयोग ने जो शाम 6 बजे तक के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक तो इस बार इन 6 सीटों पर कुल 9.25 प्रतिशत मतदान हुआ है.

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कहां कितना मतदान हुआ?

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि शाम 6 बजे तक मध्यप्रदेश की टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद की सीटों पर कुल 58.35% ही मतदान हुआ है. टीकमगढ़ में 59.79 प्रतिशत, दमोह में 56.18 प्रतिशत, खजुराहो में 56.44, सतना में 61.87 प्रतिशत, रीवा में सबसे कम 48.67 प्रतिशत और होशंगाबाद में सबसे अधिक 67.16 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. 

कम वोटिंग से किसे होगा फायदा?

कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कम वोटिंग से कांग्रेस को कुछ सीट पर लाभ होता दिख रहा है. रीवा में सबसे कम वोटिंग हुई है. यहां भाजपा के जनार्दन मिश्रा और कांग्रेस की नीलम मिश्रा के बीच मुकाबला है. वहीं होशंगाबाद सीट पर भाजपा के दर्शन सिंह चौधरी और कांग्रेस के संजय शर्मा के बीच मुकाबला है. दोनों ही जगहों पर भाजपा के ही सिटिंग MLA हैं. वोंटग प्रतिशत घटना, रूलिंग पार्टी के लिए नेगेटिव इशारा है, ऐसे में कम वोटिंग बीजेपी के लिए टेंशन का संकेत हो  सकती है. 

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कुछ राजनीतिक जानकारों का यह भी मानना है कि कम वोटिंग प्रतिशत का अर्थ सिर्फ रूलिंग पार्टी के प्रति उदासीन रवैया नहीं होता है, बल्कि विपक्षी दल से भी कोई बहुत उम्मीद न होना भी होता है. जाहिर है कि कम मतदान प्रतिशत से कांग्रेस या बीजेपी दोनों में से किसे फायदा होगा, उसके लिए 4 जून को आने वाले परिणाम तक इंतजार करना होगा.

कम वोटिंग से कॉन्फिडेंस में आए कमलनाथ?

वोटिंग प्रतिशत में आई कमी को लेकर कमलनाथ भी कॉन्फीडेंस में आ गए हैं. उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर लिखा, लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के मतदान के बाद स्पष्ट हो गया है कि देश की जनता ने नफरत की राजनीति को नकार दिया है. मध्यप्रदेश की 6 सीटों समेत पूरे देश की 88 सीटों पर कांग्रेस बेहद मज़बूत स्थिति में है. जनता ने कांग्रेस के पांच न्याय का समर्थन कर देश में परिवर्तन के लिए मतदान किया है."

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