MP Lok Sabha Elections Phase 2: मध्य प्रदेश की श्योपुर-मुरैना लोकसभा सीट पर हर रोज सियासी गर्मागर्मी देखने को मिल रही है. एक दिन पहले BSP छोड़ बीजेपी में शामिल हुए पूर्व विधायक बलबीर दंडोतिया के एक बयान बीजेपी प्रत्याशी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. पूर्व विधायक बलवीर दंडोतिया ने खुले मंच से भाजपा प्रत्याशी शिवमंगल सिंह तोमर से गांव में जाकर सभी ब्राह्मणों से माफ़ी मांगने की बात कही है.
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क्या है पूरा मामला?
दरअसल बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शिवमंगल के समर्थन में पुलिस परेड ग्राउंड में चुनावी सभा थी. इस सभा में प्रधानमंत्री के पहुंचने से पहले सभी भाजपा नेता अपना अपना भाषण दे रहे थे. तभी नंबर आया नए नए भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक बलवीर दंडोतिया का जिन्होंने खुले मंच से यह आदेश भाजपा प्रत्याशी को दे बैठे. कि ब्राह्मण समजा से मांग लें. वो इसलिए क्योंकि उनके बीजेपी में आने से उनका समाज इस बात ये नाराज न हो कि वे बीजेपी में शामिल हो गए.
इसलिए खुले मंच से वो ब्राह्मणों का हमेशा मान सम्मान रखने की बात कहकर व उनके हक़ की लड़ाई लड़ने की बात कहकर भाजपा प्रत्याशी को ब्राह्मणो से माफ़ी माँगने का आदेश दे दिए. इस दौरान मंच पर केंद्रीय मंत्री व गुना प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया, मप्र के केबिनेट मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, मंत्री नारायण सिंह कुशवाह, मंत्री एदल सिंह चुनाव प्रभारी पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह थे. पूर्व विधायक के बयान से इस क्षेत्र में सियासी पारा हाई है.
ब्राह्मण ख़ुद को ठगा महसूस कर रहे- दंडोतिया
आपको बता दें हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के समय ग्वालियर चंबल क्षेत्र में काफी तनाव देखने को मिला था. खास तौर पर दिमनी विधानसभा क्षेत्र में जहां बीजेपी से वर्तमान विधान सभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर मैदान में थे तो उनके सामने बीएसपी से बलवीर दंडोतिया ताल ठोक रहे थे. उस दौरान काफी हिंसा देखने को मिली थी.
बलवीर दंडोतिया के लिये जहां ब्राह्मण समाज व नरेंद्र सिंह तोमर के लिए क्षत्रिय समाज आमने - सामने दिखे थे. ब्राह्मणों ने इस चुनाव में बलवीर दंडोतिया के लिये स्थानीय लोगो से लड़ाई लड़ी थी. अब वह ख़ुद उनके साथ यानी भाजपा में हो लिये तो अब ब्राह्मण ख़ुद को ठगा महसूस कर रहे है.
दंडोतिया पहले भी बदल चुके है पार्टी
बलवीर दंडोतिया ने पहली बार पार्टी नहीं बदली है. इससे पहले भी वह बीएसपी छोड़ 2020 में कांग्रेस के साथ चले गये थे. इस बार विधान सभा टिकट कांग्रेस ने नहीं दिया तो बीएसपी में फिर शामिल होकर दिमनी से चुनाव लड़े थे. उस चुनाव में वे दूसरे स्थान पर रहे थे.
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