Jyotiraditya Scindia: बीजेपी ने गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर अपने सबसे मजबूत उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनावी मैदान में उतार दिया है. सिंधिया की मजबूती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके सामने खड़ा करने के लिए कांग्रेस को काफी मशक्कत के बाद भी कोई कद्दावर उम्मीदवार नहीं मिल पा रहा है और कांग्रेस को फिलहाल गुना सीट को होल्ड पर रखना पड़ा है. लेकिन इतनी मजबूती के बाद भी एक डर सिंधिया को भी है. वो डर भी खुलकर सामने आ गया है.
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दरअसल बीते रोज सिंधिया बमोरी क्षेत्र के काबर बमोरी गांव में जनसभा करने पहुंचे थे. पूरा गांव आदिवासी बाहुल्य गांव है. जनसभा के दौरान सिंधिया के खासमखास और पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने उनके कान में एक बात याद दिलाई. जिसके बाद सिंधिया ने जनसभा में जोर-जोर से बोलना शुरू कर दिया कि "वोट डालने के दिन सभी भाई-बहन याद रखें, कमल का फूल पर वोट देना है. सिंधिया मतलब कमल का फूल. राजमाता का कमल का फूल. याद रहे सिंधिया की पहचान कमल का फूल".
इसके बाद आदिवासी महिला के घर पर खाना खाने के दौरान पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने सिंधिया से फिर कहा कि "महाराज आप इन लोगों काे हमेंशा बोला करो कि कमल का फूल पर वोट देना है". ये सुनकर सिंधिया भी बोले कि "हां, महेंद्र तुमने सही बात याद दिलाई, बहुत सही याद दिलाया". अब इस पूरे घटनाक्रम को लेकर राजनीतिक चर्चाएं चलने लगी हैं.
सिंधिया को क्यों याद दिलाना पड़ा कमल का फूल
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस पार्टी में थे. गुना-शिवपुरी सीट पर सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर और हाथ का पंजा चुनाव चिन्ह पर लोकसभा चुनाव में उतरे थे. इससे पहले भी सिंधिया परिवार कांग्रेस के टिकट पर और हाथ का पंजा चुनाव चिन्ह पर यहां इलेक्शन में उतरता रहा है. एक तरह से सिंधिया की पहचान बीजेपी में आने से पहले तक हाथ का पंजा चुनाव चिन्ह से होती रही है.
चूंकि गुना-शिवपुरी क्षेत्र में बड़ा इलाका आदिवासी बाहुल्य भी है और ऐसे में उनके दिल-दिमाग पर सिंधिया की छवि हाथ का पंजा चुनाव चिन्ह के रूप में ही रही है और उसी पर वोट डालकर वे सिंधिया को चुनते रहे हैं. यह पहली बार है कि सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए हैं और पहली बार गुना-शिवपुरी सीट पर वे कमल के निशान पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं. ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि मतदाताओं को यह याद रहे कि जब वे सिंधिया को चुनने जाएं तो कमल के फूल पर वोट डालें न कि हाथ के पंजे पर. इस कंफ्यूजन को दूर करने के लिए ही सिंधिया अब अपनी हर जनसभा में मतदाताओं से कह रहे हैं कि सिंधिया की पहचान कमल का फूल.
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