गुना-शिवपुरी में BJP के लिए चिंता की लकीरें खिंच रहीं! कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए दिग्गजों के बीच ‘शीतयुद्ध’ जारी

अभिषेक शर्मा

05 Mar 2023 (अपडेटेड: Mar 5 2023 4:25 AM)

MP POLITICAL NEWS: बीजेपी में शामिल होने वाली ‘कांग्रेसी’ नेताओं की गुटबाजी ने गुना-शिवपुरी जैसी महत्वपूर्ण सीट पर भाजपा के लिए चिंता की लकीरें खींच दी हैं. गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए डॉ. केपी यादव सांसद हैं, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में इसी सीट से उस समय के कांग्रेस […]

Guna-Shivpuri parliamentary seat Dr. KP Yadav panchayat minister Mahendra Singh Sisadia MP BJP

Guna-Shivpuri parliamentary seat Dr. KP Yadav panchayat minister Mahendra Singh Sisadia MP BJP

follow google news

MP POLITICAL NEWS: बीजेपी में शामिल होने वाली ‘कांग्रेसी’ नेताओं की गुटबाजी ने गुना-शिवपुरी जैसी महत्वपूर्ण सीट पर भाजपा के लिए चिंता की लकीरें खींच दी हैं. गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए डॉ. केपी यादव सांसद हैं, जिन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में इसी सीट से उस समय के कांग्रेस उम्मीदवार रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को लगभग सवा लाख वोटाें से हराया था. सिंधिया भी अब बीजेपी में हैं और केंद्रीय मंत्री हैं. भले ही ये दोनों बीजेपी में शामिल हो चुके हों लेकिन इस हार ने यहां पर राजनीतिक दुश्मनी की बड़ी लकीर खींच दी है. सिंधिया को उनके गढ़ में उनके एक छोटे से प्रतिनिधि के जरिए बीजेपी ने मात दिलाई थी, जिसे सिंधिया गुट अभी तक भूला नहीं है और यही वजह है कि दोनों समूह बीजेपी में शामिल होने के बाद भी एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं. पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने एक बार फिर से गुना-शिवपुरी सांसद को लेकर टिप्पणी कर दी है.

यह भी पढ़ें...

दरअसल बमोरी में विकास यात्रा के दौरान हुए लोकार्पण और शिलान्यास पट्‌टिकाओं से क्षेत्रीय सांसद डॉ. केपी यादव के नाम को शामिल नहीं कराया. जिसके बाद डॉ. केपी यादव ने खुलकर सिंधिया और उनके समर्थक मंत्री-विधायकों के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया. डॉ. केपी यादव यहां तक बोल गए कि यदि सन् 1857 में रानी लक्ष्मीबाई के साथ गद्दारी नहीं हुई होती तो आज देश अपनी आजादी की 75वीं नहीं बल्कि 175वीं वर्षगांठ मना रहा होता. उन्होंने यादव समाज के कार्यक्रम में भी बोला कि पूर्व के सांसद तो गाड़ी का कांच तक नीचे नहीं करते थे, मैं तो हर तरह से आप लोगों के बीच ही रहता हूं. 

डॉ. केपी यादव के इन तीखे तेवरों की शिकायत भोपाल में भाजपा कार्यालय तक पहुंची और उनको तलब कर शांत रहने के निर्देश दिए गए. जिसके बाद सांसद डॉ. केपी यादव ने सुर बदले और सिंधिया को पार्टी का प्रमुख नेता बताया. लेकिन सिंधिया गुट शांत रहने वालों में से नहीं है. सिंधिया गुट की तरफ से इस समय मोर्चा संभाला हुआ है प्रदेश के पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने. शिवपुरी में बीते दिन जब उनसे पूछा गया कि सांसद के पी यादव के द्वारा 175 वीं वर्षगांठ मनाए जाने के बयान पर वे क्या सोचते हैं?  तो पंचायत मंत्री ने कहा कि वह तो जनता के कामों में लगे हुए हैं और किसी ने क्या बोला है, उसे लेकर वे अपने कान बंद कर लेते हैं. इसके पहले भी उन पर सांसद डॉ. केपी यादव की सरकारी कार्यक्रमों में उपेक्षा करने के आरोप लगते रहे हैं.

बीजेपी को क्यों हो रही है चिंता?
दरअसल गुना-शिवपुरी संसदीय सीट में 3 जिले गुना, शिवपुरी और अशोकनगर आते हैं. इन तीन जिलों में कुल 12 विधानसभा सीट हैं. जिनमें से 9 पर बीजेपी और 3 सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से ही बीजेपी के तीन मंत्री इस समय कैबिनेट की शोभा बढ़ा रहे हैं. पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया और पीएचई राज्य मंत्री बृजेंद्र यादव. चंद महीने बाद ही विधानसभा चुनाव है. ऐसे में यदि सिंधिया गुट और सांसद डॉ. केपी यादव के बीच चल रहा यह शीतयुद्ध जारी रहा तो नुकसान पूरी तरह से बीजेपी को होना तय है. क्योंकि दोनों ही गुट बीजेपी में है और दोनों ही गुट एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने की कोशिशों में बराबर लगे हुए हैं.

राजनीतिक पंडित बताते हैं कि इससे कांग्रेस पार्टी जो पहले से ही इस क्षेत्र में कमजोर है, उसे उभरने का मौका मिल जाएगा. इसलिए बीजेपी संगठन अपने इन दोनों गुटों की हर गतिविधियों पर पैनी नजर रख रहा है और दोनों गुटों को चेतावनी भी दी गई है. देखना यह है कि बीजेपी संगठन की तरफ से मिली चेतावनी का असर ग्राउंड पर कितना होता है?.

MP के पंचायत मंत्री सिसोदिया का छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव को ऑफर, ‘कांग्रेस छोड़ BJP ज्वॉइन करें’

    follow google newsfollow whatsapp