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कितनी होनहार थी पुणे कार एक्सीडेंट में जान गंवाने वाली अश्विनी कोष्टा? मेडल्स से भरा है कमरा, नंबर देखकर हो जाएंगे हैरान

धीरज शाह

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बेटी को याद कर भावुक हो रहा परिवार
बेटी को याद कर भावुक हो रहा परिवार
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Pune Porsche Car Accident Case: महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्श कार एक्सीडेंट में अपनी जान गंवाने वाली जबलपुर की बेटी सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्विनी कोष्टा बचपन से ही होनहार थी. पढ़ाई में हमेशा वह अव्वल आया करती थी. यहां तक की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में तो उसने 99 फीसदी अंक लाकर पूरे परिवार का नाम भी रोशन किया था. पुणे के बिगडै़ल रईसजादे की तेज रफ्तार कार के नीचे आकर पिछले दिनों उसकी मौत हो गई थी. आपको बता दें पुलिस ने बिगड़ेल रईसजादें के पिता और दादा दोनों को हिरासत में लिया हुआ है. जिनसे पूछताछ की जा रही है. 

आपको बता दें जबलपुर की अश्विनी कोष्टा सिर्फ पढ़ाई ही नहीं बल्कि खेलों में भी अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया था. जबलपुर के सैनिक सोसाइटी इलाके के साकार हिल्स कॉलोनी के घर में अश्विनी की उपलब्धियां साफ तौर पर देखी जा सकती हैं. अश्विनी के कमरे में खेलों से लेकर अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों में उसके द्वारा हासिल किए गए मेडल्स से लेकर प्रमाण पत्र हैं. जिनको देखकर वे बार-बार भावुक हो रहे हैं.

 

 

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बेटी के मेडल और उपलब्धियां देख नहीं थम रहे परिवार के आंसू

अश्विनी के पिता सुरेश कोष्टा ने बताया कि "पुणे हादसे के जान गंवाने वाली उनकी बेटी बचपन से ही होनहार थी, स्कूल की शुरुआती पढ़ाई से लेकर कॉलेज तक की शिक्षा में उसने अव्वल नम्बर हासिल किए थे. स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पुणे की ओर रुख किया और वहां भी फर्स्ट डिवीज़न में सफलता पाई. अपनी लाड़ली और होनहार बेटी के इस तरह बिछड़ जाने से परिवार में जहां मातम पसरा हुआ है. तो वहीं अश्विनी को याद कर उसके माता-पिता की आंखों से बरबस ही आंसू छलक पड़ते हैं."

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अश्विनी के बचपन को याद करते हुए उसके पिता सुरेश कहते हैं कि "अश्विनी ने कक्षा दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में 99 फीसदी अंक हासिल किए थे. पढ़ाई में शुरू से ही अव्वल आने वाली अश्विनी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई में भी 90 फीसदी अंक हासिल किये थे. वह हमेशा सफलता के ऊंचे ख्वाब देखा करती थी. और, इसके लिए कड़ी मेहनत किया करती थी.  

बेटी को देख भावुक हो रहे पिता

नौकरी की खुशी ज्यादा दिन न टिक पाईं- पिता

अपनी पढ़ाई में किसी प्रकार का अड़चन न आए इसके लिए वह बाहर भी कम जाया करती थी और हमेशा ही पढ़ाई में व्यस्त रहा करती थी. पढ़ाई के दौरान पुणे में ही नौकरी मिली तो अश्विनी की खुशी का ठिकाना नहीं था. लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नहीं टिक पाई और हादसे ने उसकी जिंदगी छीन ली.

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घर में मेडल्स का अंबार

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अश्विनी के पिता ने की फास्ट ट्रेक कोर्ट में केस चलाने की मांग

अश्विनी के पिता का आरोप है कि इस मामले के रोज़ नई नई बातें सामने आ रही हैं. जिससे लगता है कि आरोपी का परिवार पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है. अश्विनी के पिता का कहना है कि गवाहों को कोई बहला फुसला ना सके और बलपूर्वक गवाह पलट ना जाए. इसलिए उनकी सुरक्षा होनी चाहिए. साथ ही उनका कहना है कि इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीष और फास्ट ट्रैक में होनी चाहिए. जिससे न्याय मिलने में आसानी हो और जल्द नया मिल सके.

नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल तीन दिन की हिरासत में

महाराष्ट्र के पुणे में हुए पोर्श कार एक्सीडेंट मामले में गिरफ्तार किए गए नाबालिग आरोपी के दादा सुरेंद्र अग्रवाल को तीन दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने फैमिली ड्राइवर गंगाराम का अपहरण करके अपने बंगले में कैद कर लिया था. वो ड्राइवर पर हादसे की जिम्मेदारी लेने का दबाव बना रहे थे. उन्होंने उसे पैसे और गिफ्ट देने का लालच दिया था. यही वजह है कि उसने थाने में आकर ये बयान दिया था कि हादसे वाली रात पोर्श कार वो ही चला रहा था. लेकिन पुलिस ने समय रहते इस साजिश का पर्दाफाश कर दिया. 

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