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भोपाल में आयुष्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, हेल्थ एजेंसी के पूर्व कर्मचारी ने किया गोलमाल

रवीशपाल सिंह

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Big disclosure about Ayushman card in Bhopal former employee of health agency was making card in fake way
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Bhopal Crime Branch: भोपाल क्राइम ब्रांच ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने 500 से ज्यादा फर्जी आयुष्मान कार्ड बना रखे थे. क्राइम ब्रांच आरोपी आयुष्मान भारत योजना कार्ड बनाने का काम करता था. इसके बाद वह SHA की लाॅगिन आईडी का अनाधिकृत रूप से उपयोग कर फर्जी आयुष्मान कार्ड तैयार कर फर्जीवाडा कर रहा था. अब क्राइम ब्रांच ने FIR दर्ज कर ली है. बता दें कि आयुष्मान निरायमय योजना में शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार पात्र व्यक्तियों के कार्ड तैयार किये जा रहे हैं, जिसके तहत कार्डधारक को प्रति वर्ष प्रति परिवार अधिकतम 5 लाख रुपये राशि का इलाज शासकीय एवं निजी अस्पताल नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है.

आयुष्मान कार्ड तैयार करने के लिए शासन ने टीपीए (THIRD PARTY AGENCY) VIDAL और FHPL कंपनी को टेंडर दिया है, जो परीक्षण करने के उपरांत कार्ड का APPROVAL प्रदान करती हैं. उनके द्वारा रिजेक्ट किये गये कार्ड के आवेदन स्टेट हेल्थ एजेंसी के पास जाते हैं, जो आवेदक के विवरण का जांच कर पात्र होने पर कार्ड अप्रूव करती है और अपात्र होने पर आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है. काम ज्यादा होने की वजह से स्टेट हेल्थ एजेंसी ने VIDAL और FHPL कंपनी को 5-5 लाॅगिन आईडी जारी की है. जिनका उपयोग VIDAL और FHPL द्वारा किया जाता था.

अनुराग श्रीवास्तव जिला अशोक नगर में VIDAL की ओर से डिस्ट्रिक्ट कार्डीनेटर के रुप में कार्य करता था. इस कारण वह अधिकृत रुप से स्टेट हेल्थ एजेंसी की लॉगिन आईडी पासवर्ड का उपयोग करता था. जो बाद में नौकरी छोड़कर चला गया. एजेंसी ने ऑडिट में पाया कि VIDAL और FHPL द्वारा रिजेक्ट कार्ड को SHA की लाॅगिन आईडी से अप्रूव करके सारे अपात्र लोगों के फर्जी आयुष्मान कार्ड तैयार किये गये हैं. जिन कार्डो के माध्यम से ईलाज भी हुआ है, जिससे शासन को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. यह फर्जीवाड़ा अनुराग श्रीवास्तव ने एजेंसी की लॉगिन आईडी के जरिए किया.

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ऐसे हुआ खुलासा
पूछताछ में आरोपी शिवपुरी निवासी अनुराग श्रीवास्तव पिता शिवकुमार श्रीवास्तव ने बताया कि वह नमो कालोनी शिवपुरी में रहता है. वर्तमान में प्रापर्टी एवं आयुष्मान कार्ड बनाने का काम करता है. वर्ष 2019 से 2022 तक VIDAL (TPA) में कार्य किया है. जोकि मप्र आयुष्मान निरामय योजना के अंतर्गत काम करती है, जिसका काम आयुष्मान कार्ड का APPROVAL करना है. फरवरी 2022 में मुझे VIDAL की तरफ एजेंसी की लॉगिन आईडी प्रदान की गई, इसके बाद मैंने 100 रुपये लेकर फर्जी कार्ड बनाना शुरू किया और इसमें एक दोस्त को और शामिल कर लिया. मैंने एजेंसी की लॉगिन से फर्जी तरीके से अन्य आरोपियों के साथ मिलकर के साथ मिलकर अपात्र लोगों के आयुष्मान कार्ड को अप्रूव किया. हमने अब तक लगभग 500 फर्जी आयुष्मान कार्ड तैयार किये हैं.

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